मलयाटूर, मंगलवार, 21 अक्टूबर सन् 2014 (ऊका समाचार): केरल के कलीसियाई अधिकारियों एवं
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मलयाटूर कूरीसुमुदी के गिरजाघर के आस-पड़ोस में अवैध खदानों
की बढ़ती संख्या गिरजाघर की प्राचीन संरचना के लिये एक ख़तरा है।
मलयाटूर
कूरीसुमुदी उस समय वैश्विक धार्मिक मानचित्र में आया जब सन् 2004 में वाटिकन ने यहाँ
के सन्त थॉमस गिरजाघर को अन्तरराष्ट्रीय तीर्थ घोषित किया।
ऐसा विश्वास प्रबल
है कि सन्त थॉमस ने अपनी प्रेरितिक यात्राओं के दौरान यहाँ प्रार्थना में समय व्यतीत
किया था।
मलयाटूर कूरीसुमुदी का गिरजाघर उन सात गिरजाघरों में सम्मिलित है जिसकी
स्थापना स्वयं सन्त थॉमस ने की थी।
खनन और भूविज्ञान विभाग के अनुसार लगभग 120
एकड़ ज़मीन पर स्थापित तीर्थ स्थल के इर्द-गिर्द केवल सात खदानों में काम चल रहा है जबकि
स्थानीय लोगों ने सरकारी आँकड़ों का खण्डन करते हुए कहा है कि कम से कम 11 अवैध खदानों
में काम चल रहा है जो उक्त गिरजाघर के बिलकुल निकट हैं।
मलयाटूर कूरीसुमुदी के
गिरजाघर के फादर जॉन थेकानाथ के अनुसार, "यदि खनन जारी रहा तो शीघ्र ही यह गिरजाघर एक
इतिहास बन कर रह जायेगा।" उन्होंने कहा, "यह खेद की बात है कि अवैध खनन को सरकारी अधिकारियों
का पूर्ण समर्थन प्राप्त है।"