2014-10-13 15:25:26

परिवार पर सिनॉद के पहले सप्ताह की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत


वाटिकन सिटी, सोमवार 13 अक्तूबर, 2014 (सेदोक,आर) वाटिकन सिटी में परिवार विषय पर आयोजित विशेष महासभा के पहले भाग की समाप्ति पर सभा के रिलेटर जेनेरल कार्डिनल पीटर एरदो ने घोषणा की कि परिवार विषय पर ही अगले वर्ष की आम महासभा या ऑर्डिनरी सिनॉद का आयोजन 4 से 25 अक्तूबर 2015 में किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि अगले वर्ष होने वाली आम महासभा की विषयवस्तु है – " कलीसिया और आधुनिक दुनिया में परिवार की बुलाहट और मिशन।"
विदित हो कि वाटिकन सिटी में 5 से 19 अक्तूबर तक परिवार विषय पर एक विशेष महासभा जारी है जिसमें विश्व के विभिन्न धर्माध्यक्ष और अन्य लोकधर्मी हिस्सा ले रहे हैं।
दूसरे सप्ताह की कार्यक्रम के बारे में बतलाते हुए कार्डिनल पीटर ने कहा कि सभा के सदस्य पहले सप्ताह की विषय वस्तु पर एकत्रित रिपोर्टों की जाँच छोटे-छोटे दल समुह में करेंगे।
पिछले सप्ताह के रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए कार्डिनल पीटर एरदो ने कहा कि सभा ने इस बात पर चर्चा की कि परिवार की चुनौतियों को येसु की नज़र से देखना चाहिये। जैसे येसु ने लोगों को स्नेह से देखा और धैर्य तथा दया के साथ उनका साथ दिया, कलीसिया को भी चाहिये कि वह उनके साथ वैसा ही करे।
कार्डिनल ने कहा कि येसु मसीह ने मानव रूप धारण किया इसलिये नहीं कि वह कमजोर मानव को दोषी ठहराये, पर उसकी चँगाई करे। येसु ने विवाह को स्थायी या अविच्छेनीय कहा पर ऐसे लोगों पर अपार दया दिखायी जो उस आदर्श को नहीं जी सकते थे।
उन्होंने बतलाया कि विशेष सभा में कलीसिया ने इस बात की पहचान की कि उन्हें मिशनरी पश्चात्ताप करने की ज़रूरत है ताकि वह मात्र सैद्धांतिक रूप से ईशवचन की घोषणा न करे वरन् इसकी गहराई में जाये।
महासभा के रिलेटर या सूचना अधिकारी ने इस बात की भी जानकारी दी कि कलीसिया इस दुःखी तथा परित्यक्त दम्पतियों के पीड़ित बच्चों को विशेष रूप से अपनी सेवायें देना चाहती है।
विवाह विलोपन या रद्द करने के बारे में कलीसिया चाहती है कि इसकी प्रक्रिया सरल और संशोधित हो। इसके साथ ही जिन काथलिक दम्पतियों का वैवाहिक जीवन टूट गया हो या जिन्होंने सिविल विवाह कर लिया हो उनके लिये ' साहसिक प्रेरितिक निर्णय ' या ' नये प्रेरितिक रास्ते ' खोज निकाले जायें।
इसके साथ समलिंगी लोगों के बारे में भी विचार किये गये और कहा गया कि समलिंगियों आपसी संबंध को विवाह का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।
परिवार नियोजन के संबंध में संत पापा पौल षष्टम् के ह्यूमाने विताय को आधार बनाते हुए कहा गया कि मानव मर्यादा का ख़्याल रखा जाना चाहिये।








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