2014-10-08 11:45:54

वाटिकन सिटीः प्रार्थना करें और अपनी कहानी प्रभु के समक्ष रखें, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, बुधवार, 08 अक्टूबर सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने काथलिक विश्वासियों से अनुरोध किया है कि वे प्रतिदिन प्रार्थना करें तथा अपनी व्यथाओं को प्रभु ईश्वर के समक्ष रखें।

वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास में मंगलवार को ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि प्रार्थना प्रभु से बातचीत करने का सुअवसर है। उन्होंने कहा, "प्रार्थना का अर्थ है ईश्वर के समक्ष अपनी कहानी रखना, कृपा की कहानी, पाप की कहानी, अनवरत यात्रा की कहानी जिसमें प्रभु सदैव हमारे साथ रहते हैं।"

मिस्र की दासता से ईश प्रजा की मुक्ति के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा, "प्रभु ने अपने लोगों को चुना तथा उजाड़ प्रदेश में वे उनके साथ साथ रहे, उनके जीवन काल में हर क्षण वे उनके साथ रहे।"

सन्त पापा ने कहा, "प्रभु ईश्वर ने जो कुछ अपनी चुनी हुई प्रजा के साथ किया और जिस प्रकार उनका साथ दिया उसी प्रकार वे आज भी हमारा साथ देते तथा जीवन के हर क्षण में हमें सम्बल प्रदान करते हैं।"

सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्तीयों को सन्त पौल की तरह ही अपने जीवन की कहानी आरम्भ से याद रखनी चाहिये तथा उसी के अनुकूल प्रार्थना करनी चाहिये। उन्होंने कहा, "प्रायः हम अपने अतीत के बारे में भूल जाते हैं और केवल वर्तमान को ही याद करते हैं जबकि अतीत को याद रखना भी महत्वपूर्ण है ताकि जीवन के हर क्षण को प्रभु समक्ष याद किया जाये चाहे वह कृपा का क्षण हो अथवा पाप का क्षण।"

उन्होंने कहा, "अपने जीवन के क्षणों की याद करना ही ईश्वर को महिमान्वित करना है। अपने पापों को याद कर इस तथ्य पर चिन्तन कि प्रभु की कृपा से हमारा उद्धार हुआ है ईश्वर की महिमा का बखान करना है।"









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