वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 3 अक्तूबर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ ″रखवाल दूत कल्पना की वस्तुएँ
नहीं किन्तु यथार्थ में उपस्थित हैं तथा जीवन की यात्रा में बुद्धिमान साथी की तरह लोगों
का मार्गदर्शन करते हैं।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने 2 अक्तूबर को, वाटिकन स्थित प्रेरितिक
आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।
उन्होंने रखवाल दूतों के महापर्व के दिन प्रवचन में कहा, ″अंतःकरण की आवाज की अवहेलना
न करें, जो कहती है,’ तुम्हें इसे नहीं करना चाहिए क्योंकि यह गलत है’ हम इस पर सचेत
रहें।″ संत पापा ने कहा कि यही रखवाल दूत की आवाज है हम यह निश्चित रूप से जान लें
कि वे हमारे जीवन के अंत तक हमारा मार्गदर्शन करते हैं अतः लोगों को उनकी आवाज सुननी
चाहिए और उनका विरोध नहीं करना चाहिए। कलीसिया की परम्परा अनुसार हम प्रत्येक जन के लिए
एक रखवाल दूत निर्धारित है जो हमारी निगरानी करते हैं तथा सही रास्ते के चुनाव हेतु हमारे
हृदय के अंतः स्थल में आवाज देते हैं। संत पापा ने कहा कि इस आवाज की अवहेलना नहीं
की जानी चाहिए क्योंकि वह विद्रोही स्वभाव, स्वतंत्र होने की चाह एवं घमंड हम सभी में
है जो अदन वाटिका में हमारे पूर्वज आदम में भी विद्यामान था। हम विश्वास करते हैं कि
हम में से कोई अकेला नहीं है क्योंकि हमारा साथी सदा हमारे बगल में रहता है। संत
पापा ने कहा, ″हम उनका विरोध न करें किन्तु उनकी सलाह मानें। रखवाल दूत से दूर जाना जोखिम
उठाना है क्योंकि कोई भी व्यक्ति खुद को सलाह नहीं दे सकता। हम दूसरों को अवश्य सलाह
दे सकते हैं किन्तु खुद को नहीं।″ संत पापा ने प्रवचन में बतलाया कि पवित्र आत्मा
हम पर प्रकट करते हैं कि हमारे बीच एक प्रकार के दूत हैं जो परामर्श देते हैं और यह कल्पना
की चीज नहीं किन्तु एक सच्चाई है।
संत पापा ने विश्वासियों से चिंतन करने का आग्रह
किया कि वे किस प्रकार रखवाल दूतों के साथ बातचीत करते हैं।