न्यू यॉर्कः अन्याय को रोकने हेतु अन्तरराष्ट्रीय समुदाय करे ठोस उपाय, वाटिकन
न्यू यॉर्क, 30 सितम्बर सन् 2014 (सेदोक): वाटिकन ने आशा व्यक्त की है कि अन्तरराष्ट्रीय
समुदाय आक्रमण एवं अन्याय को रोकने के लिये सर्वोत्त्म तरीकों की खोज की ज़िम्मेदारी
वहन करेगा।
न्यू यॉर्क में जारी संयुक्त राष्ट्र संघीय महासभा के 69 वें सत्र
में परमधर्मपीठ की ओर से सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर वाटिकन राज्य
सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने कहा कि आक्रामक को रोकना वैधसंगत एवं अत्यावश्यक है
तथा अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को इस कार्य की ज़िम्मेदारी वहन कर उपयुक्त एवं ठोस उपायों
की खोज करनी चाहिये।
सिरिया, ईराक एवं यूक्रेन जैसे देशों में जारी लड़ाईयों
के सन्दर्भ में कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि यह निराशाजनक तथ्य है कि अब तक "सिरिया, मध्यपूर्व
एवं यूक्रेन के संघर्षों पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में विवादास्पद मत व्यक्त किये गये
हैं तथा कहीं-कहीं मौन भी धारण कर लिया गया है। इस समय वीटो के मतभेदों को भुलाकर सबके
कल्याण हेतु एकता की भावना में मिलकर काम करना सर्वोपरि है।"
उन्होंने कहा, "इस
समय विश्व को उचित कार्रवाई के लिये एक सक्षम संयुक्त राष्ट्र संघ की नितान्त आवश्यकता
है।"
उपस्थित विश्व प्रतिनिधियों को कार्डिनल पारोलीन ने दस वर्ष पूर्व संयुक्त
राष्ट्र संघीय विश्व शिखर सम्मेलन में किये गये सुरक्षा की ज़िम्मेदारी के प्रण का स्मरण
दिलाते हुए कहा कि इसके तहत जब कोई राष्ट्र अपने नागरिकों की रक्षा नहीं करना चाहता अथवा
रक्षा करने में असमर्थ होता है तो नागरिकों को सुरक्षा का आश्वासन प्रदान करना अन्तरराष्ट्रीय
समुदाय का दायित्व है।
उन्होंने कहा कि इसमें सम्पूर्ण अन्तरराष्ट्रीय समुदाय
की ज़िम्मेदारी की पुष्टि की गई है कि वह एकात्मता की भावना में घृणित अपराध जैसे नरसंहार,
जाति सफ़ाया एवं धर्म पर आधारित उत्पीड़न को रोकने हेतु ठोस उपाय करे।
कार्डिनल
महोदय ने इस बात पर दिया कि इस समय संयुक्त राष्ट्र संघ को सक्रिय एवं सजीव होने के लिये
दूरदर्शी राजनैतिक दृष्टिकोण तथा कानून को लागू करने हेतु दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है।