धर्माध्यक्ष ईश परिवार के शीर्ष की तरह अपने रेवड़ की देखभाल करें
वाटिकन सिटी, शनिवार, 20 सितम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ रोम में इस वर्ष नियुक्त धर्माध्यक्षों
के लिए आयोजित लघु प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागी धर्माध्यक्षों के दूसरे दल से संत
पापा फ्राँसिस ने, शनिवार 20 सितम्बर को मुलाकात कर प्रेरिताई हेतु उन्हें प्रोत्साहन
दिया।
सेमिनार में भाग ले रहे धर्माध्यक्षों से संत पापा ने आज की दुनिया की चुनौतियों
से न घबराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि धर्माध्यक्षों की प्रेरिताई आज के युग में काफी
चुनौतीपूर्ण है किन्तु वे प्रथम प्रेरित संत पेत्रुस की तरह ईश्वर पर भरोसा रखें, जिन्होंने
कहा था, ″आपके कहने पर मैं जाल डालूँगा।″ संत पापा ने कहा, ″विश्व को आशा प्रदान
करने हेतु कलीसिया के सभी याजकों के साथ अपनी प्रेरिताई की नींव ईश वचन पर आधारित रखें।″
संत पापा ने कहा कि वे परिवर्तनशील प्रेरितिक चुनौतियों कि बीच अपना जीवन एवं धर्माध्यक्षीय
प्रेरिताई को ईश प्रजा के लिए समर्पित करें। प्रेरिताई के परिवर्तनों में मुख्य है कलीसिया
की प्रेरिताई को मानवता की सेवा हेतु समर्पित होना चाहिए, जैसा येसु ने अपने चेलों के
पैर धोकर प्रेम एवं सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
संत पापा ने कहा कि हमें
ख्रीस्त के शरीर का स्पर्श करना है और वह शरीर है पीड़ित व्यक्ति। इस संदर्भ में वाटिकन
महासभा की शिक्षा कहती है कि धर्माध्यक्ष ईश परिवार के शीर्ष की तरह अपने रेवड़ की देखभाल
करें। वे एक पिता एवं एक भले गड़ेरिये की तरह लोगों की सेवा करे जो सेवा कराने नहीं किन्तु
सेवा करने आये थे।
उन्होंने कहा कि कलीसिया को ऐसे गड़ेरियों की आवश्यकता है जो
झुक कर पैर धोना जानता हो। वह पिता और भाई की तरह विनम्र, धैर्य और करुणा के साथ अपने
विश्वासियों के करीब हो तथा प्रभु के लिए गरीबी और मन की स्वतंत्रता पसंद करता हो।
संत
पापा ने धर्माध्यक्षों से कहा, ″आप अपने रेवड़ की रक्षा निरंतर करने के लिए बुलाए गये
हैं, सुसमाचार की मध्यस्थता द्वारा कलीसिया एवं अपने विश्वासियों के साथ एकता बनाएँ रखें। उन्होंने
उन्हें परिवार की प्रेरिताई पर विशेष ध्यान देने का प्रोत्साहन दिया जिससे कि परिवार
में उचित प्रशिक्षण प्राप्त कर वे कलीसिया और समाज को अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।