ख्रीस्तीय पहचान है शरीर तथा आत्मा के साथ ख्रीस्त से संयुक्ति
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 19 सितम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत
मार्था के प्रार्थनालय में शुक्रवार 19 सितम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने पावन ख्रीस्तयाग
अर्पित किया।
प्रवचन में संत पापा ने ख्रीस्त के पुनरुत्थान को ख्रीस्तीय पहचान
की मुहर कहा। कोरिंथवासियों को लिखे संत पौलुस के पत्र पर चिंतन करते हुए संत पापा
ने ख्रीस्तीयों की समस्याओं पर विचार किया।
उन्होंने कहा, ″कोरिंथवासियों का
विचार था कि मृतकों का न्याय किया जा चुका है इसलिए वे नरक नहीं भेजे जायेंगे किन्तु
वे ब्रह्माण्ड में विलीन हो जायेंगे, उसी प्रकार जिस प्रकार कि आत्मा ईश्वर के सम्मुख
उपस्थित हो। अतः संत पौलुस पुनरूत्थान पर उनके विचार में सुधारते लाते हैं।
वे
कहते हैं कि ख्रीस्तीय शिक्षा के अनुसार शरीर का पुनरूत्थान होता है किन्तु ये शिक्षा
उनके विश्वास में बाधा प्रतीत होता है क्योंकि वे इस तथ्य को समझने में असमर्थ हैं। अतः
संत पौलुस कहते हैं, ″यदि मृतकों का पुनरूत्थान नहीं होता, तो मसीह भी नहीं जी उठे हैं
और यदि मसीह नहीं जी उठे हैं, तो हमारा धर्मप्रचार व्यर्थ है और आप लोगों का विश्वास
भी व्यर्थ है।″
संत पापा ने कहा कि हम सभी स्वर्ग जाना चाहते हैं और हम में
से कोई भी नरक जाना नहीं चाहता। हम कहते हैं कि मैं स्वर्ग जाउँगा किन्तु कोई यह नहीं
कहता कि मैं ख्रीस्त की तरह पुनर्जीवित होऊँगा क्योंकि इसे समझना कठिन है।
संत
पापा ने कहा कि संत पौलुस के शब्दों में, पुनरूत्थान में हम परिवर्तित हो जायेंगे। यही
हमारा भविष्य है जो हमारा इंतजार करता है।
संत पापा ने कहा कि असल ख्रीस्तीय
पहचान है शरीर तथा आत्मा के साथ ख्रीस्त से संयुक्ति जो सिर्फ पुनरूत्थान द्वारा सम्भव
है। यही हमारी ख्रीस्तीय पहचान को पूर्णता प्रदान करती है।
संत पापा ने कहा कि
ख्रीस्तीयता एक मार्ग है एक यात्रा है जिस पर हम प्रभु के साथ आगे बढ़ते हैं जिस प्रकार
संध्या के वक्त उन दो चेलों ने येसु के साथ यात्रा की थी। हमारा सम्पूर्ण जीवन ख्रीस्त
के साथ संयुक्त होने के लिए बुलाया गया है। जहाँ हम अंत में ख्रीस्त के साथ सदा के लिए
एक हो जायेंगे।