बैंगलोर, शुक्रवार, 19 सितम्बर 2014 (ऊकान)꞉ बैंगलोर के महाधर्माध्यक्ष बर्नार्ड मोरेस
ने अलग -अलग धर्मप्रांतों के सात धर्माध्यक्षों के साथ कर्नाटक के राज्यपाल से मुलाकात
कर अपील की है कि, ईराक सीरिया तथा अन्य अफ्रीकी देशों के हज़ारों ख्रीस्तीयों एवं अन्य
अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के मद्देजनर संघीय सरकार से अनुरोध किया जाये कि वह
इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों पर दबाव डाले।
बृहस्पतिवार 18 सितम्बर को, कर्नाटक
सरकार से की गयी मुलाकात में स्थानीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष
बर्नार्ड मोरेस तथा कर्नाटक में मानव अधिकार के संयुक्त ख्रीस्तीय फोरम के सभी प्रतिनिधि
उपस्थित थे।
उन्होंने अपना ज्ञापन पत्र भारत के राष्ट्रपति प्रणाव मुखर्जी को
सौपने हेतु राज्यपाल वाजूभाई रदाभाई वाला के सिपुर्द किया। ज्ञापन पत्र में ईराक तथा
सीरिया के ख्रीस्तीय एवं अल्पसंख्यकों की दुखद परिस्थिति एवं उनकी परेशानियों को दर्शाया
गया है। पत्र में कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट चरमपंथियों द्वारा करीब 1,70,000 लोग
मृत्यु के शिकार हुए हैं।
उन्होंने कहा है, ″हम यह महसूस करते हैं कि ईराक की
समस्या इस्लाम की ग़लतफ़हमी के कारण हो रही है।″ उन्होंने अफसोस व्यक्त करते हुए
कहा कि दुर्भाग्य से भारत के ख्रीस्तीय एवं अन्य सभी लोगों ने ईराक के निर्दोष बच्चों,
पुरूषों एवं महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि हिंसा
के प्रति मौन धारण करना उसे प्रोत्साहन देना है अतः उन्होंने सभी से अपील की है कि सभी
लोग अपनी आवाज बुलंद करें।
धर्माध्यक्षों ने जानकरी दी कि 12 सितम्बर को बैंगलोर
एवं कर्नाटक के ख्रीस्तीयों ने ईराक एवं सीरिया के पीडित लोगों के लिए उपवास रखा तथा
प्रार्थनाएँ अर्पित कीं। उसके पश्चात् 14 सितम्बर को उनके प्रति सहानुभूति रखते हुए ‘ब्लैक
रविवार’ के रूप में मनाया।