2014-09-17 15:26:50

17 सितम्बर 2014


श्रोताओं के पत्र कार्यक्रम
पत्र- 28.8.14
प्रिय फादर जस्टिन, आप तीनों को नमस्कार।
मुझे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि 11 अगस्त से, पोडकास्ट डाउन लॉड नहीं कर पाने के कारण मैं रेडियो कार्यक्रम सुनने में असमर्थ हूँ। रेडियो रिशेप्शन की गुणवत्ता भी बहुत कमजोर है। मुझे आशा है कि इंटरनेट सेवा में सुधार जल्द ही हो जायेगा। पुनः प्रार्थनाओं सहित सस्नेह नमस्कार।
फादर सिप्रियन, कैम्पबेल बे, अंडमान निकोबार
पत्र – 2.8.14
मुस्कान चेहरे के मूल्य को बढ़ा देती है, गुस्सा आत्मा की सुन्दरता नष्ट करता है। विश्वास जीवन की शक्ति है। आत्मबल सफलता का साथी है अतः सदा मुस्कुराते रहें। सुप्रभात एवं आज का दिन मुबारक हो।
डॉ. हेमन्त कुमार, प्रियदर्शनी रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष, गोराडीह भागलपुर, बिहार।
पत्र- महाशय, नमस्कार! परम सम्मान के साथ सहर्ष सूचित करना है कि मैं वाटिकन रेडियो का नियमित, पुराना तथा जागरूक श्रोता हूँ। आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम शांतिदायक, ज्ञानवर्धक, शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक और सारगर्भित होते हैं। कार्यक्रम प्रस्तुति शैली तथा प्रसारण गुणवत्ता उच्च स्तर की हैं। इसलिए कार्यक्रम सुनकर नियमित पत्र लिखने का प्रयास करता हूँ। आपके फेसबुक और वेबसाइट भी बहुत अच्छे लगते है। मेरा सुझाव है कि वाटिकन रेडियो को श्रोताओँ तथा लोकप्रियता में वृद्धि करने के लिए साल में एक बार श्रोता सम्मेलन का आयोजन करना चाहिए तथा समय-समय पर ईनामी प्रतियोगिता का आयोजन भी होना चाहिए। धन्यवाद!
डॉ. हेमन्त कुमार, प्रियदर्शनी रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष, गोराडीह भागलपुर, बिहार।
पत्र- 30.8.14
आदरणीय पिताजी, प्रभु येसु के नाम में आप सभी को प्रणाम।
आप सभी को ये जानकार खुशी होगी कि अगले 9 सितम्बर को पूज्य जाक देजिरे लावाल की १५० वीं पुण्य तिथि मनाई जा रही हैं। उन्होंने अपना सारा जीवन ग़रीबों की सेवा में लगा दिया था वे प्रभु येसु के एक सच्चे भक्त थे। मॉरीशस की सरकार ने उनकी नयी कब्र के निर्माण में एक करोड़ रूपये दान दिए हैं।
विद्यानन्द रामदयाल, पियर्स मोरिशस।

पत्र- 28.8.14
आप सभी को सस्नेह नमस्कार। हमें वाटिकन रेडियो हिन्दी का बुलेटिन उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद। 31 जुलाई को ऑफिस में आप सभी से मुलाकात कर बड़ी खुशी हुई। उत्तम संचार सेवा हेतु धन्यवाद। ईश्वर आप सभी के कार्यों पर आशीष प्रदान करे। आप सभी को अपने कार्यों में सफलता मिले।
फादर गिरीश एस. जे.








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