नई दिल्ली: सरकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर रहीः नरीमन
नई दिल्ली, सोमवार, 15 सितम्बर सन् 2014 (ऊका समाचार): भारत के एक शीर्ष विधिवेत्ता ने
अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ व्यक्तियों या समूहों द्वारा हाल ही में हुई हिंसा को रोकने
के लिये सरकार की निष्क्रियता का खण्डन किया है।
भारत के विख्यात न्यायविद् फली
एस. नरीमन ने कहाः "हिन्दू धर्म अपनी पारम्परिक सहिष्णुता खो रहा है और यह इसलिये कि
कुछ हिन्दुओं ने यह विश्वास करना शुरु कर दिया है कि उनके धर्म ने ही उन्हें राजनैतिक
सत्ता दिलाई है तथा इसलिये भी कि शासन करनेवाले उच्चाधिकारी इस मिथ्या विश्वास एवं भ्रम
को चुनौती नहीं दे रहे हैं।"
अल्पसंख्यकों के लिये गठित राष्ट्रीय आयोग की वार्षिक
सभा में, 12 सितम्बर को, डॉ. नरीमन व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने अल्पसंख्यकों के हितों
की रक्षा न करने के लिये भी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने
कहाः "आये दिन हम टेलेविज़न तथा समाचार पत्रों में हिन्दू चरमपंथियों द्वारा कहीं न कहीं
अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा की घटनाओं की बात सुनते हैं और इस तरह की आलोचनाओं के
बारे में भी सुनते हैं कि केन्द्रीय सरकार इन मामलों को नज़र अन्दाज़ कर रही है तथा अपराधियों
के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।"