दक्षिण एशिया में 18 वर्ष से कम उम्र की बालाओं की शादी 46 प्रतिशत
संयुक्त राष्ट्रसंघ, शनिवार, 13 सितम्बर 2014 (ऊकान)꞉ दक्षिण एशिया की करीब 50 प्रतिशत
बालिकाएँ 18 वर्ष से कम उम्र में ही शादी कर लेती हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघीय बाल
निधि (यूनिसेफ) द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक रिर्पोट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया
की बलिकाएँ अपनी 18 वीं जन्म दिवस के पूर्व ही शादी कर लेती हैं।
रिर्पोट में
कहा गया है कि यद्यपि कानूनी तौर पर बालिकाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है
किन्तु इससे पूर्व शादी रचाना दक्षिण एशिया में व्यापक रूप से फैला हुआ है। उस में बतलाया
गया है कि 18 वर्ष से कम उम्र की शादी करने वाली बालिकाओं का प्रतिशत 46 है जबकि 15 वर्ष
से भी कम उम्र में शादी करने वालों की संख्या 18 प्रतिशत है।
इस प्रकार की शादी
का उच्चतम दर बँगलादेश में पाया जाता है जहाँ एक तिहाई बच्चियाँ 18 वर्ष से पूर्व शादी
कर लेती हैं। इसके बाद क्रमशः भारत एवं नेपाल में भी बाल-विवाह की प्रथा अधिक पायी जाती
हैं। बाल-विवाह का मुख्य कारण ग़रीबी तथा सामाजिक रीतियाँ हैं। माता-पिता के अनुसार
बच्ची की शादी, कम उम्र में होनी चाहिए क्योंकि उन्हें बालिकाओं द्वारा सामाजिक प्रतिबंध
तथा नैतिक नियमों के उल्लंघन का भय होता है।
यूनिसेफ ने कहा कि बाल-विवाह के निराकरण
के लिए बालिकाओं की शिक्षा अति आवश्यक है जो उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनायेगी।
उन्होंने ऐसी बालिकाओं के लिए मदद हेतु समर्थन नेटवर्क स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने
बालिकाओं की जन्म पंजीकरण दर को भी बढाना आवश्यक बतलाया जिसके द्वारा उनकी उम्र का सही
पता लगाया जा सके तथा बाल-विवाह, बाल श्रमिक तथा बाल सैनिक नियुक्ति जैसी समाजिक कुरीतियों
से बच्चों को बचाया जा सकता है।