मुम्बई, शनिवार, 6 सितम्बर 2014 (एशियान्यूज़)꞉ ″येसु द्वारा स्थापित मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी
धर्मसमाज की संस्थापिका ने उनकी कोमलता एवं प्यार को अत्यन्त गरीब लोगों के लिए प्रकट
किया है।″ यह बात 5 सितम्बर को कोलकाता की धन्य मदर तेरेसा की 17 वीं पुण्य तिथि
के अवसर पर मुम्बाई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने एशियान्यूज़ को प्रेषित
अपने एक चिंतन में लिखी।
उन्होंने लिखा, ″काथलिक धर्मविधि पंचांग के अनुसार आज
धन्य मदर तेरेसा की यादगारी का दिन है। कार्डिनल ने कहा कि मदर तेरेसा का आदर्श हमें
विश्व में शांति की आशा प्रदान करता है, क्योंकि उन्होंने कहा है, ″गरीबों के विक्षुब्ध
वेश में मसीह से मुलाकात की जा सकती है। वे विश्व शांति ख़ासकर, ईराक, यूक्रेन तथा संसार
के अन्य हिस्सों में संघर्ष कर रहे लोगों के लिए शांति की आशा की प्रतीक हैं।″
गौरतलब
है कि मदर तेरेसा की सेवकाई का मूल उद्देश्य अत्यन्त ग़रीब लोगों की सेवा द्वारा आत्माओं
में व्याप्त येसु की प्यास को तृप्त करना था। वे येसु के पवित्र हृदय के प्रति समर्पित
रहना चाहती थीं। वे कहा करती थी, ″खून से वे अल्बानियन हैं, नागरिकता से भारतीय, विश्वास
से मैं एक काथलिक धर्मबहन हूँ तथा मेरी बुलाहट की यदि बात करें तो मैं संसार की हूँ।
उन्होंने कहा था कि अपने दिल के अनुसार पूर्ण रूप से वे येसु के हृदय के लिए समर्पित
हैं।″
कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस के कहा कि मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की धर्मबहनें
मनुष्यों में व्याप्त ईश्वर की अनंत प्यास को बुझाने के लिए समर्पित हैं। भारत की कलीसिया
के प्रति उनकी उपस्थिति बड़े आनन्द का विषय है। विदित हो कि मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की
धर्मबहनें विश्व के 139 विभिन्न देशों में करीब 5000 की संख्या में सेवारत हैं।