जिनिवाः उत्तरी ईराक में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा को रोकने का महाधर्माध्यक्ष थॉमासी
ने किया आह्वान
जिनिवा, मंगलवार, 02 सितम्बर सन् 2014 (सेदोक): वाटिकन के वरिष्ठ धर्माधिकारी, महाधर्माध्यक्ष
सिलवानो थॉमासी ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया है कि वह उत्तरी ईराक में अल्पसंख्यकों
के विरुद्ध अत्याचारों एवं हिंसा को रोकने के लिये ठोस कदम उठाये।
जिनिवा में
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र संघीय मानवाधिकार समिति के 22 वें विशिष्ट सत्र में सदस्य
राष्टों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष
थॉमासी ने कहा, "उत्तरी ईराक के निर्दोष लोगों को कथित आईएसआईएस इस्लामी स्टेट के आतंकवादियों
के अत्याचारों से बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये।"
उन्होंने कहा, "विश्व
के कई क्षेत्रों में हिंसा जारी है, विशेष रूप से उत्तरी ईराक में जो स्थानीय एवं अन्तरराष्ट्रीय
समुदाय के समक्ष शांति के प्रयासों को नवीकृत करने की चुनौती प्रस्तुत करती है।"
उन्होंने
कहा, "लोगों को उनके घरों से निकाल कर मारा जा रहा है, उनके सिर कलम किये जा रहे हैं,
दासों जैसा उनका शोषण किया जा रहा है तथा कारावास के बन्दियों को बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया
के मौत के घाट उतारा जा रहा है।" ऐसी परिस्थिति में, महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "मानव मर्यादा
एवं मूलभूत मानवाधिकारों की रक्षा हेतु अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को दृढ़ संकल्प के साथ
निर्णय लेना चाहिये तथा आक्रामक को रोकने का हर सम्भव प्रयास करना चाहिये।"
महाधर्माध्यक्ष
थॉमासी ने कहा कि कलीसिया विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही हिंसा के प्रति सचेत
है तथा अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए वह आपातकालीन स्थितियों की ओर इंगित कर रही
है तथा ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही है कि प्रत्येक को समाज में स्वतः की भूमिका के अनुसार
अपनी-अपनी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिये तथा अत्याचारी को रोकना चाहिये।"