बंगलोर, बृहस्पतिवार, 28 अगस्त 2014 (उकान)꞉ बंगलोर में रविवार 24 अगस्त को करीब 600
नेत्रहीन लोगों ने एक जुलूस निकाला। दृष्टिहीन व्यक्तियों द्वारा निकाला गया यह जुलूस
विश्वभर में प्रथम जुलूस था जो नेत्रदान के महत्वपूर्ण कार्य को देश में अधिक लोकप्रिय
बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। जुलूस का आयोजन क्लारेशियन फादर जॉर्ज कन्नानथानम
तथा पल्ली के सदस्यों ने किया जिसका संचालन 100 नेत्रहीन युवा प्रतिनिधियों ने किया।
फादर जॉर्ज कन्नानथानम ने कहा, ″एक बात हमें सोचने के लिए विवश करती है कि विश्व
के एक तिहाई दृष्टिहीन व्यक्ति हमारे देश में उपस्थित हैं। संसार भर के 3 करोड़ 90 लाख
में से 1 करोड़ 50 लाख नेत्रहीन भारत के हैं। उन्होंने कहा कि इस चौंकाने वाली संख्या
ने हमें अत्यन्त प्रभावित किया है तथा इस दल के 50 लोगों ने मिलकर यह निश्चय किया है
कि वे मिलकर इस बात का प्रयास करेंगे कि नेत्रदान को समाज में एक नियम बनाया जाए ताकि
नेत्रहीन भी समाज में प्रतिष्ठित जीवन जी सकें। उन्होंने बंगलोर को विश्व नेत्रदान
का केंद्र बनाने की भी घोषणा की। विदित हो कि अक्तूबर सन् 2013 ई. से ही दृष्टि प्रोजेक्ट
चलाया जा रहा है और इसके तहत 10 हज़ार लोगों ने अपने नेत्र दान करने का वचन दिया है।