2014-08-28 14:56:46

ख्रीस्तीय समुदाय में विभाजन एक महापाप


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 28 अगस्त 2014 (वीआर अंग्रेजी)꞉ रोम में 27 अगस्त को संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तीय समुदाय में विभाजन को एक महापाप कहा क्योंकि ईश्वर मनुष्यों के बीच विभाजन नहीं चाहते।

बुधवार को साप्ताहिक आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा ने कहा कि एकता का महत्व हृदय में निहित है। मनुष्य होने के नाते हम सभी पापी हैं किन्तु ख्रीस्त द्वारा स्थापित कलीसिया हमें ईश्वर की एकता एवं पवित्रता में सहभागी होने का निमंत्रण देती है। वह हमें प्रतिदिन मन-परिवर्तन हेतु आमंत्रित करती है।

संत पापा ने कहा कि ईष्या, द्वेष और घृणा एकता के विरूद्ध पाप हैं और यह तब होता है जब हम केंद्र में अपने आपको ही रख लेते हैं। उन्होंने बल देते हुए कहा कि ईश्वर की पवित्र इच्छा है कि हम मिलनसारिता, क्षमाशीलता तथा येसु के समान बनने के गुणों में विकास करें।








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