पत्रकार जेम्स फोले के माता-पिता को ढ़ाढ़स के दो शब्द संत पापा से
वाटिकन सिटी, शुक्रवार 22 अगस्त, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने अमेरिकी पत्रकार
जेम्स फोले के परिवार के सदस्यों से फोन में बातचीत की और पत्रकार जेम्स की मृत्यु पर
गहरा शोक व्यक्त किया है तथा परिजनों उनके प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य दिखलाया है।
उक्त बात की जानकारी देते हुए वाटिकन प्रवक्ता फादर देरिको लोमबारदी ने कि संत
पापा ने जेम्स के माता-पिता दियाने और जोन फोले से फोन कर बातचीत की।
अमेरिकी
काथलिक पत्रकार जेम्स की हत्या ईसीस उग्रवादी संगठन ने कर दी थी और 19 अगस्त को उसका
वीडियो यूट्यूब में पोस्ट कर दिया था। फॉली ने अमरीकी अख़बार ग्लोबल पोस्ट और फ्रांस
की समाचार एजेंसी एएफपी सहित कई मीडिया समूहों के लिए मध्य पूर्व एशिया की काफी रिपोर्टिंग
की है। उन्हें 'बहादुर और अथक मेहनत' करने वाला पत्रकार माना जाता था। साल 2012
में बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में फॉली ने कहा था, "मैं युद्ध क्षेत्र की अनसुनी कहानियों
को दुनिया के सामने लाना चाहता हूँ।" नवम्बर 2012 में सीरिया में उनका अपहरण कर लिया
गया था। उत्तरी सीरिया के इबलिब प्रांत से गुजरते हुए उनकी गाड़ी को चरमपंथियों ने रोका
था और उसके बाद वह दिखाई नहीं दिए। चालीस वर्षीय फॉली अमरीका के न्यू हैम्पशर के
रोचेस्टर शहर के रहने वाले थे। पत्रकारिता में आने से पहले वह एरिज़ोना, मैसाच्युसेट्स
और शिकागो में अध्यापक थे। उन्होंने मेडिल स्कूल ऑफ़ जर्नलिज़्म से स्नातक की पढ़ाई की। इराक़
जैसे देशों की हक़ीकत जानने की उत्सुकता ने उन्हें अमरीकी सैनिकों के साथ पत्रकारिता
करने का रास्ता दिया. इराक़ की लड़ाई में उनके भाई अमरीकी वायु सेना में अधिकारी थे। वर्ष
2011 में वह कर्नल मुअम्मर गद्दाफ़ी के ख़िलाफ़ विद्रोह की रिपोर्टिंग करने लीबिया गए
थे. उन्होंने विद्रोही लड़ाकों के साथ रहकर रिपोर्टिंग की। अप्रैल 2011 में गद्दाफ़ी
के सुरक्षा बलों ने पत्रकारों पर हमला कर दिया था जिसमें एक फ़ोटो पत्रकार एंटन हैमर्ल
की मौत हो गई थी जबकि फ़ॉली और अन्य दो को हिरासत में ले लिया गया था। छह सप्ताह बाद
उन्हें रिहा कर दिया गया। लेकिन यह घटना भी उनकी हिम्मत पस्त नहीं कर पाई। उन्होंने
कहा था, ''ऐसी घटनाएँ हमेशा ही आपको दूर नहीं करती हैं. कभी कभार ये अपनी ओर आकर्षित
करती हैं।'' इस घटना के बाद वह सीरिया के हालात की रिपोर्टिंग करने के लिए उत्सुक
थे। उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के वफ़ादार सुरक्षा बलों के साथ रिपोर्टिंग
करनी शुरू की. नवम्बर 2012 में उनका अपहरण कर लिया गया। जेम्स का कहना था, ''वहां
भारी हिंसा है लेकिन यह जानने की एक इच्छाशक्ति भी है कि आख़िर वे लोग हैं कौन. और मैं
समझता हूं कि यही मुझे प्रेरित कर रहा है।''