2014-08-19 12:20:26

विमान परः आक्रामक को रोका जाना ज़रूरी, सन्त पापा फ्राँसिस


विमान पर, मंगलवार, 19 अगस्त, सन् 2014 (सेदोक): सेओल से रोम तक अपनी वापसी यात्रा के दौरान सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने पत्रकारों के कई सवालों का जवाब दिया।

ईराक में ख्रीस्तीयों एवं अल्पसंख्यकों पर इस्लामी चरमपंथियों के हिंसक आक्रमणों के बारे में पूछे जाने पर सन्त पापा ने कहा कि आक्रामक को रोका जाना चाहिये किन्तु यह काम किसी एक राष्ट्र का नहीं है बल्कि इसके लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को हस्तक्षेप करना चाहिये।

ईराक एवं सिरिया में आईएसआईएस के इस्लामी लड़ाका दल कुछ समय से ख्रीस्तीयों एवं अन्य ग़ैर मुसलमानों पर हिंसक कार्रवाई करते रहे हैं तथा उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने अथवा देश छोड़कर जाने की धमकी देते रहे हैं। इस सन्दर्भ में यह पूछे जाने पर कि क्या सन्त पापा ईराक के इस्लामी लड़ाकाओं पर अमरीका द्वारा एकतरफ़ा हवाई आक्रमण से सहमत है? सन्त पापा ने उत्तर दियाः "इन मामलों में, जहाँ अन्यायपूर्ण आक्रमण है, मैं इतना ही कह सकता हूँ कि आक्रामक को रोकना वैधसंगत है।"

उन्होंने कहा, "मैं "रोकना" क्रिया को रेखांकित करता हूँ। मैं यहाँ बम अथना युद्ध की बात नहीं कर रहा, बल्कि सिर्फ रोकने की बात कर रहा हूँ और यह किस तरह किया जाना चाहिये उसका मूल्यंकन किया जाना चाहिये।"

सन्त पापा ने कहा, "इतिहास साक्षी है कि अतीत में अन्यायपूर्ण आक्रमण को रोकने के बहाने विश्व की सत्ताओं ने युद्ध का औचित्य ठहराया है जिसमें लोगों की महान क्षति हुई है।"

सन्त पापा ने कहा, "केवल एक राष्ट्र यह निर्णय नहीं ले सकता कि अन्यायपूर्ण आक्रामक को किस प्रकार रोके। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ अस्तित्व में आया है और यही वह मंच है जहाँ इस प्रकार के निर्णय लिये जाने चाहिये।"

विमान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस ने यह भी कहा कि यदि ईश्वर की इच्छा हुई तो वे आगामी वर्ष काथलिक कलीसिया द्वारा अमरीका के फिलाडेलफिया में आयोजित परिवार सम्मेलन में वे जाना पसन्द करेंगे।








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