2014-08-17 12:18:09

हेयमीः सन्त पापा ने एशिया के युवा भाव को किया पुनर्जाग्रत, कार्डिनल ग्रेशियस


हेयमी, 17 अगस्त सन् 2014 (सेदोक): मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष तथा एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ के अध्यक्ष कार्डिनल ऑसवर्ल्ड ग्रेशियस ने कहा है कि सन्त पापा ने फ्राँसिस ने एशिया के युवा भाव को पुनर्जाग्रत कर दिया है।

रविवार, 17 अगस्त को दक्षिण कोरिया के हेयमी स्थित तीर्थ पर सन्त पापा फ्राँसिस ने एशिया के धर्माध्यक्षों से मुलाकात की। एशिया के 30 विभिन्न देशों से दक्षिण कोरिया पहुँचे लगभग 70 धर्माध्यक्षों के बीच सन्त पापा फ्रांसिस का स्वागत करते हुए कार्डिनल ग्रेशियस ने अभिवादन पत्र पढ़ा।

कार्डिनल ग्रेशियस ने सन्त पापा से कहा कि उनके सन्देशों ने एशिया के युवाओं में नवस्फूर्ति एवं ऊर्जा का संचार किया है तथा उनमें यह चेतना जाग्रत की है कि समाज के रचनातमक निर्माण हेतु उन्हें सब प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिये तैयार रहना है।

कार्डिनल महोदय ने कहा कि सन्त पापा के छठवें एशियाई युवा दिवस के पाँच दिन गहन प्रार्थना, मनन चिन्तन एवं निष्कपट आदान-प्रदान में व्यतीत हुए जिससे युवाओं को गहन निद्रा से बाहर निकल कर सुसमाचार के प्रकाश में जीने की प्रेरणा मिली है। सन्त पापा फ्राँसिस के प्रति धन्यवाद ज्ञापित कर, उन्होंने कहाः "इन पाँच दिनों में सुसमाचार के लिये हममें उत्सुकता एवं युवा भाव पुनः जाग्रत हुआ है तथा हमने बपतिस्मा संस्कार एवं ख्रीस्त के अनुयायी होने के अर्थ को गहराई तक समझ लिया है।"








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