2014-08-16 12:15:18

संत पापा के स्नेह से कोरियाई जेस्विट हर्ष से अभिभूत


सिओल, शनिवार 16 अगस्त, 2014 (प्रेस सेन्टर, सिओल) संत पापा फ्राँसिस ने दक्षिण कोरिया की अपनी पाँच दिवसीय यात्रा के व्यस्ततम कार्यक्रम के बावजूद 15 अगस्त शुक्रवार की शाम कोरिया के जेस्विटों से मिलने जेस्विट निवास पहुँच कर उन्हें अचम्भे में डाल दिया।

दक्षिण कोरिया की राजधानी सिओल के सागोन्ग युनिवर्सिटी में संत पापा के पहुँचने पर कोरियाई जेस्विटों के प्रोविंशियल चो इन योंग के नेतृत्व में येसु समाजियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

संत पापा ने स्पानी भाषा में दिये गये अपने 10 मिनट के संबोधन में जेस्विटों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे ‘सांत्वना देनेवाले सेवक’ बने। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब कोरिया के लोगों को दुःख और दर्द है, लोग आहत महसूस करते हैं उन्हें चाहिये - आध्यात्मिक सात्वना।

उक्त बात की जानकारी ‘चिवित्ता कतोलिका’ के निदेशक जेस्विट फादर अन्तोनिया स्पादारो ने उस समय दी जब उन्होंने सिओल के होटेल लोत्ते में स्थित मुख्य प्रेस सेन्टर में वाटिकन रेडियो के दाविदे दियोनिसी को एक साक्षात्कार दिया।

घटना की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कोरियाई जेस्विटों से मिलने का निर्णय संत पापा फ्राँसिस का व्यक्तिगत निर्णय था जिसे निजी मुलाकात के एक दिन पूर्व 14 बृहस्पतिवार को जेस्विट समुदाय को सूचित किया गया।

संत पापा से हुए आधे घंटे की मुलाक़ात में कोरिया के फादर प्रोविंशियल के अलावा करीब 50 जेस्विट सहभागी हुए। इस अवसर पर सिओल में उपस्थित वाटिकन रेडियो हिन्दी विभाग के जेस्विट फादर जस्टिन और चीनी भाषा के फादर थोमस ने भी संत पापा गले मिलने का अवसर प्राप्त किया।

संक्षिप्त कार्यक्रम के अन्त में संत पापा ने जेस्विटों से विदा होने के पूर्व उपस्थित प्रत्येक जेस्विट को गले लगाया, प्रार्थना की अपील की और सोगांग युनिवर्सिटी से विदा हुए।

विदित हो सोगांग युनिवर्सिटी सिओल के पश्चिम में अवस्थित है जिसकी स्थापना सन् 1960 ईस्वी में हुई थी और करीब 12 हज़ार विद्थार्थी कला विज्ञान और वाणिज्य के अलावा इंजीनियरिंग और कई अन्य विभागों में शिक्षा ग्रहण करते हैं।

दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क जियुन हुइ सोगांग यूनिवर्सिटी से ही अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है।









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