शहीदों का बलिदान शांति और न्यायपूर्ण समाज के लिये कार्य करने की प्रेरणा बने
सिओल, शनिवार 16 अगस्त, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने दक्षिण कोरिया की अपनी
प्रेरितिक यात्रा के तीसरे दिन 16 अगस्त शनिवार को सिओल के ग्वांघवामुन गेट में युखरिस्तीय
बलिदान चढ़ाया और पौल युन जी चुन और उनके 123 शहीदों को धन्य घोषित किया।
संत
पापा ने अपने प्रवचन में कहा कि आज हम पौल युन जी चुंग और उसके 123 अन्य साथियों के
साथ विजयोत्सव मना रहे हैं। कलीसिया के ये शहीदों ने येसु के लिये जीया और उनके लिये
अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। संत पौल के शब्दों में ईश्वर ने उन्हें अपने पुत्र येसु
मसीह में सबसे महान विजय प्रदान किया है।
संत पापा ने कहा कि शहीदों की विजय और
उनका ईशप्रेम की शक्ति का साक्ष्य से आज सारा कोरिया लाभान्वित हुआ है। कोरिया की काथलिक
की नींव को शहीदों ने सींचा है और उनके बलिदान से कलीसिया का विकास संभव हुआ है।
संत
पापा ने उपस्थित विश्वासियों को याद दिलाया कि कोरिया की कलीसिया में ख्रीस्तीयता का
बीज़ मिशनरियों के द्वारा नहीं पर लोकधर्मियों के द्वारा बीया गया। संत पापा ने कहा
कि कोरिया के लोकधर्मियों का जीवन हमें उनकी लोकधर्मियों की महत्ता, मर्दाया और बुलाहट
की सुन्दरता का बयान करता है।
संत पापा ने कहा कि वे लोकधर्मियों की सराहना करते
हैं और उन पुरोहितों की जो लोकधर्मियों के विश्वास को मजबूत करने में अपना योगदान दिया
है। उन्होंने कहा कि येसु हमें दुनिया में भेजते हैं ताकि हम एक ख़मीर के समान कार्य
करें, हम दुनिया के नमक और ज्योति बनें। कोरिया के शहीदों ने इसके लिये हमें रास्ता दिया
है। संत पापा ने बतलाया कि आरंभ से कोरिया के ख्रीस्तीयों के जीवन येसु के लिये
दुःख उठाने का रहा और उन्होंने आरंभ से येसु के लिये बलिदान करना सीखा क्योंकि उन्हें
मालूम था येसु से बड़ा और कोई दूसरे खजाना नहीं है।
कई बार ऐसे अवसर आते हैं
जब हम विश्वास को चुनौती मिलती है और हम दुनियावी मूल्यों के लिये सुसमाचारी मूल्यों
का बलिदान या समझौता करने को तैयार हो जाते हैं।
कोरिया के शहीदों ने ठीक इसके
विपरीत येसु के लिये सबकुछ का बलिदान कर दिया। उनका जीवन हमारे लिये एक महान आदर्श प्रस्तुत
करता है। उन्होंने अपने जीवन में ईश प्रेम और पड़ोसी प्रेम को बराबर महत्व दिया।
आज
उनका उदाहरण हमें प्रेरित करे ताकि हम भी ज़रूरतमंद भाई-बहनों की मदद करें विशेष करके
गरीबों और ज़रूरतमंदों को।
आज कोरिया के लिये अपार खुशी का दिन है जब धन्य पौल
युन जी चुंग और उनके साथियों की विरासत, सत्य की खोज़, धर्म के सिद्धांतों को खोज निकालने
की उनकी उत्कंठा, उसे गले लगाने का साहस और उसके लिये साक्ष्य देना गौरव की बात है।
संत
पापा ने कहा कि शहीदों का विरासत नेक दिल के लोगों को प्रेरित करे ताकि एक न्यायपूर्ण,
स्वतंत्र और मेल - मिलाप से पूर्ण समाज के निर्माण के लिये अपना योगदान दें और शांति
तथा मानवीय मूल्यों एवं उसकी सच्ची सुरक्षा कार्य कर सकें।