सोलमोए, शुक्रवार, 15 अगस्त 2014 (वीआर सेदोक)꞉ 6 वें एशियाई युवा दिवस के शुभावसर पर
एशिया के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित युवाओं के साथ संत पापा फ्राँसिस ने, शुक्रवार 15
अगस्त को सोलमोए के तीर्थस्थल पर मुलाकात की। संत पापा ने उन्हें संदेश देते हुए कहा,
″प्रिय युवाओ, यहाँ होना हमारे लिए कितना अच्छा है।″ (मती.17꞉4) ये शब्द येसु के महिमामय
रूपांतरण के अवसर पर ताबोर पर्वत पर उपस्थित प्रेरित संत पेत्रुस ने कहे थे।″
संत
पापा ने कहा, ″सचमुच हमारे लिए यहाँ कोरियाई शहीदों के पावन स्थल पर एकत्र होना अच्छा
है। जिसपर इस देश की कलीसिया के जीवन में ख्रीस्त की महिमा प्रकट हुई थी। जिसने इस बड़ी
सभा में समस्त एशिया के ख्रीस्तीय युवाओं को एकत्र किया है। हम इस कलीसिया में ख्रीस्त
की महिमामय उपस्थिति का एहसास करते हैं जो सभी राष्ट्र एवं सभी भाषा-भाषी के लोगों का
आलिंगन करती तथा पवित्र आत्मा की शक्ति से समस्त सृष्टि को नवीन, यौवन और जीवन्त कर देती
है।″ 6 वें एशियाई विश्व युवा दिवस की विषयवस्तु है ″वीर शहीदों की महिमा आप पर
चमकती है।″ संत पापा ने कहा कि जिस प्रकार प्रभु ने अपनी महिमा वीर शहीदों पर प्रकट
की उसी प्रकार वे आप के जीवन द्वारा भी अपनी महिमा प्रकट करना चाहते हैं तथा आप के द्वारा
समस्त प्रायद्वीप में अपनी महिमा को फैलाना चाहते हैं। आज ख्रीस्त हमारे हृदय द्वार खटखटा
रहे हैं। जागने एवं सचेत होने के लिए वे हमारा आह्वान कर रहे हैं। हमें जीवन के उन पहलुओं
पर ग़ौर करने की सलाह दे रहे हैं जो वास्तव में मूल्यवान हैं। उससे भी बढ़कर वे हम से,
बाहर निकलने की अपील कर रहे हैं कि हम इस संसार की राहों पर लोगों के हृदय द्वार खटखटाएँ
तथा उन्हें अपने जीवन में ख्रीस्त का स्वागत करने का निमंत्रण दें। उन्होंने कहा कि
एशियाई युवा दिवस वह विशेष सम्मेलन है जो कलीसिया में ईश्वर की अनन्त योजना के बारे में
हमें अवगत करा रही है। आप युवाओं के साथ मिलकर शांति और मित्रता बढ़ाना चाहते हैं, सभी
प्रकार के घेरे को तोड़, विभाजन को सुलझाकर तिरस्कार एवं पूर्वाग्रह की भावना का परित्याग
करना चाहते हैं और ईश्वर भी हमसे यही चाहते हैं। कलीसिया समस्त मानव परिवार में एकता
का बीज है। ख्रीस्त में सभी राष्ट्र एक होने के लिए बुलाये जाते हैं जो विविधताओं को
नष्ट नहीं करता किन्तु उसे समृद्ध करना चाहता है।
कई बार अच्छाई एवं आशा के बीज
स्वार्थ, वैमनस्य और अन्याय द्वारा कुचल दिये जाते हैं। न केवल हमारे आस-पास किन्तु हमारे
हृदय में भी। समाज में धनी और ग़रीबों के बीच की खाई द्वारा हम सताये जाते हैं। हमें
धन, सत्ता और भौतिक सुख की मूर्ति पूजा का संकेत दिखाई पड़ते हैं जो युवाओं पर गहरा असर
डालते हैं उनकी आशा को छीन लेते हैं। किन्तु यही वह दुनिया है जहाँ हमें आशा के सुसमाचार
येसु ख्रीस्त एवं प्रतिज्ञात ईश राज्य का साक्ष्य देना है। संत पापा ने कहा प्रिय
मित्रो, बपतिस्मा में प्रभु आपके हृदय में प्रवेश कर चुके हैं उन्होंने अपना आत्मा प्रदान
किया है तथा संस्कारों के माध्यम से सुदृढ़ करते हैं जिससे कि आप संसार में सुसमाचार
का प्रचार कर सकें। क्या आप इसके लिए तैयार हैं?
संत पापा ने युवाओं को तीन
सलाह प्रदान की जिसके माध्यम से वे सुसमाचार का सच्चा साक्ष्य सानन्द दे सकें- पहली,
ख्रीस्त द्वारा प्राप्त वरदानों की गिनती करें। दूसरी, दैनिक प्रार्थना द्वारा प्रभु
से संयुक्त रहें तथा तीसरी, जब आप सुसमाचार के विपरीत परिस्थितियों से घिरे हों तब आपके
सोच, आपके विचार एवं कार्य ख्रीस्त की प्रज्ञा एवं सच्चाई की शक्ति से संचालित हों। ईश्वर
आपको अपनी योजना समझने में मदद करेंगे। यदि वे पुरोहिताई एवं समर्पित जीवन के लिए निमंत्रण
देते हैं तो उसके लिए प्रत्युत्तर देने की कृपा भी प्रदान करेंगे। वे रास्ता दिखलायेंगे
कि किस प्रकार आनन्द से उसे पूरा किया जा सकता है। संत पापा सभी युवाओं को माता मरिया
के चरणों सिपुर्द किया तथा संत जॉन पौल द्वितीय की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना अर्पित
कर सभी को अपना प्रेरितिक आर्शीवाद प्रदान किया।