श्रोताओं के पत्र पत्र 170714 रक्षा बंधन एक हिन्दू मुस्लिम-त्यौहार है जिसमें
भाई-बहनों के बीच प्यार तथा कर्तव्य की याद दिलाती है। यह अन्य मज़हबों में भी काफी लोकप्रिय
है जिससे भाई-बहनों अथवा दो ऐसे व्यक्तियों के बीच जो एक-दूसरे के रिश्तेदार भी न हों
किन्तु एक सुरक्षात्मक प्यार के रिश्ते के रूप में मनाया जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों
में इसे राखी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार हिन्दू, मुस्लमान, जैन और
सिख लोगों के बीच मनाया जाता है। रक्षा बंधन मुख्यतः भारत, मौरितुस एवं नेपाल में मनाया
जाता है। यह पाकिस्तान के हिन्दू और सिख धर्मानुयायियों द्वारा भी मनाया जाता है, साथ
ही, विश्व के विभिन्न हिस्सों में निवास करने वाले भारतीय मूल के लोगों द्वारा भी मनाया
जाता है। रक्षा बंधन एक बहुत पुराना त्यौहार है तथा इसके पीछे अनेक दन्त कथाएँ एवं कहानियाँ
छिपी हैं। उदाहरण के लिए, राजपुत रानी कर्णवती द्वारा मुगल सम्राठ हुमायु को भाई मानकर
राखी भेजने की प्रथा। रक्षा बंधन के दिन एक बहन, भाई की कलाई पर राखी बांधती है जो
उसके भाई की कुशलता हेतु स्नेह एवं प्रार्थना का प्रतीक है। डॉ. हेमान्त कुमार, प्रियदर्शनी
रेडियो लिश्नर्स क्लब के अध्यक्ष, गोराडीह भागलपुर, बिहार। पत्र- 12.8.14 आदरणीय
पिताजी आप सभी को प्रभु येसु के नाम में हार्दिक नमस्कार। मुझे दुःख है कि इस समय यहाँ
पर मुझे आपके कार्यक्रम सुनने को नहीं मिल रहा है फिर भी आप की वेबसाईट के सहारे वाटिकन
रेडियो हिंदी सेवा की सभी ख़बरें पढ़ने को मिल रही हैं। विद्यानन्द रामदयाल, पियर्स
मोरिसस।
पत्र- 12.8.14 नमस्कार मैं वाटिकन रेडियो का नियमित श्रोता था मगर
काफी दिनों से पत्र लिख नहीं पाया क्योंकि मैं आपको भूल गया था। मैं आपको आज पत्र लिखकर
बहुत खुशी महसूस कर रहा हूँ। आप मेरे लिए स्टीकर पत्रिका भेज दीजिए। कृपाराम कागा,
सॉवा, तेह.चौहटन, बाड़मेर, राजस्थान।