2014-07-31 19:54:32

पुणे में दबा गांव: 28 की मौत, करीब 150 लोग अभी भी फंसे


पुणे के मालिण गांव में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। बचाव कर्मियों ने गुरुवार सुबह बचाव कार्य फिर से शुरु किया। बुधवार रात वर्षा और खराब दृश्यता के चलते इसे रोकना पड़ा था। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गांव का दौरा किया और राहत-बचाव कार्य का जायजा लिया।

बुधवार को सुबह छह बजे पुणे के भीमाशंकर के पास भूस्खलन से पूरा गांव जमींदोज हो गया था। बताया जा रहा है कि एक पहाड़ी का बड़ा हिस्सा खिसकने से करीब 44 घर जमीन में दब गए थे। इसमें करीब 200 लोग फंसे थे और अभी भी करीब 160 लोग मलबे में दबे हुए हैं।

नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स (एनडीआरएफ) के अधिकारियों के अनुसार अभी तक मलबे से 28 शव निकाले गए हैं। जवानों ने मलबे से आठ लोगों को जिंदा निकाल लिया है। जिला अधिकारियों ने कहा कि रुक-रुककर वर्षा और कीचड़ से राहत कार्य प्रभावित हो रहा है।

मृतकों की तादाद बढ़ने की आशंका है। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। मलबे से निकाले गए घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गांव की आबादी 715 के करीब है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी इस हादसे पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और राहत-बचाव कार्य के लिए सभी जरूरी चीजें मुहैया कराई जा रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूस्खलन बुधवार सुबह करीब 6 बजे हुआ। एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। बताया जा रहा है कि यह हादसा भारी बारिश के कारण हुआ है।

इस गांव में पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। इलाके में बारिश अभी भी रुक-रुक कर हो रही है, जिससे राहत और बचाव कार्य में प्रशासन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।








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