श्रोताओं के पत्र पत्र – 12.2.14 महाशय, नमस्कार! परम सम्मान के साथ सहर्ष सूचित
करना है कि मैँ वाटिकन रेडियो का नियमित, पुराना तथा जागरुक श्रोता हूँ। आपके द्वारा
प्रसारित सभी कार्यक्रम शांतिदायक,ज्ञानवर्द्धक, शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक और सारगर्भित
होते हैँ। कार्यक्रम प्रस्तुतिकरण शैली तथा प्रसारण गुणवत्ता उच्च स्तर के हैँ। इसलिए
कार्यक्रम सुनकर नियमित पत्र लिखने का प्रयास करता हूँ। आपके फेसबुक और वेबसाइट भी बहुत
अच्छे लगते है। 12 फरवरी को सुबह की सभा में विश्व रोगी दिवस पर दी गयी जानकारी सूचनाप्रद
लगी। वाटिकन रेडियो परिवार को हार्दिक धन्यवाद! हेमान्त कुमार, प्रियदर्शनी रेडियो
लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष, गोराडीह भागलपुर। पत्र- 5.7.14 आदरणीय पिताजी प्रभु
येसु के नाम में आप सभी को हार्दिक नमस्कार। गत बुद्धवार से मुझे आपके कार्यक्रम आपके
द्वारा प्राप्त नहीं हो रहा हैं। इसके कारण मैं अति दुख हूँ। मैं वाटिकन रेडियो का एक
पुराना श्रोता हूँ| विद्यानन्द रामदयाल, पियर्स मोरिसस। पत्र- 7.7.14 आदरणीय
पिता जी, आप सभी को प्रभु येशु के नाम में नमस्कार। कल से आप के कार्यक्रम प्राप्त हो
रहे हैं आप सभी को हार्दिक धन्यवाद। आप सभी पर प्रभु की कृपा बनी रहें| विद्यानन्द
रामदयाल, पियर्स मोरिसस।
पत्र- 8.7.14 श्रद्धेय फादर जस्टिन, प्रभु येसु के
नाम में, आप तीनों को मेरा प्रणाम। मैंने तीन जुलाई को मिस जुलिएट द्वारा प्रस्तुत ‘पवित्र
धर्मग्रंथ बाईबलिक परिचय’ कार्यक्रम सुना। स्तोत्र ग्रंथ के 55 वें भजन की व्याख्या करते
हुए उन्होंने कई विचारणीय बातें कहीं। उन में से दो बातों को मैं काफी देर तक सोचता
रहाः 1.कि हमारी आज की युवा पीढ़ी तनिक भी सजग नहीं है कि जीवन को सुखमय बनाने के
लिए उसका खुद का योगदान अनिवार्य है। 2. मिस जुलिएट ने सभी के लिए एक सवाल उठाया कि
हमने ईश्वर द्वारा सुपुर्द सृष्टि का क्या किया? उसकी देख भाल करने के बजाय, उसे
नष्ट किया। उसकी रक्षा करने के बदले, उसका दुरुपयोग किया। और यह भी स्पष्ट किया कि समाज
में व्याप्त बुराइयों के लिए हम और हम ही जिम्मेदार हैं, ईश्वर नहीं। कार्यक्रम प्रस्तुति
के लिए मिस जुलिएट को ढेर सारी बधाईयाँ एवं धन्यवाद। फादर सिप्रियन खलखो, संत जोसेफ
काथलिक चर्च, कम्पबेल बे, अण्डमान निकोबार।