ईराक में धर्मबहनों एवं अनाथ बच्चों की रिहाई पर खुशी
बगदाद, मंगलवार, 15 जुलाई 2014 (एशियान्यूज़)꞉ ″दो धर्मबहनों एवं तीन अनाथ बच्चों के
रिहा किये जाने पर में अत्यन्त खुश हूँ क्योंकि युद्ध, हिंसा और विभाजन की पृष्ठभूमि
पर यह एक शुभ खबर है।″ यह बात खलदेई कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष मार लुईस रफाईल प्रथम
साको ने 14 जुलाई को एशिया न्यूज़ से कही। गत 28 जून को सिस्टर अतुल एवं सिस्टर मिसकिनता
तथा तीन अनाथ बच्चों का अपहरण इस्लामिक स्टेट ऑफ ईराक (आई. एस. आई. एस.) के सदस्यों ने
की थी। रिहा की गयी दोनों खलदेई धर्मबहनें ‘निष्कलंक मरिया को समर्पित पुत्रियों
के धर्मसमाज’ की सदस्य है जो मोसुल में अनाथ बच्चों की देखभाल हेतु एक अनाथालय चलाती
हैं। प्राधिधर्माध्यक्ष लुईस साको ने एशियान्यूज़ से बातें करते हुए खुशी जाहिर की
तथा बतलाया, ″शहर के लोगों ने धर्मबहनों के साथ सम्पर्क करने तथा उन्हें मुक्त करने
में मदद पहुँचाई। उन्होंने कहा कि धर्मबहनें एवं अनाथ बच्चे मोसुल के एक घर में कैद थे।
वहाँ उनके साथ अच्छा बर्ताव किया जा रहा था। धर्म बहनें बालिकाओं की सुरक्षा हेतु चिंतित
थीं किन्तु उन्हें भी कोई तकलीफ नहीं हुई।″ प्राधिधर्माध्यक्ष ने बतलाया कि धर्मबहनें
17 दिनों तक कैद में रहकर, मुक्त किये जाने एवं ईराक में शांति हेतु प्रार्थना करते रहे।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उनकी रिहाई के लिए किसी प्रकार की रकम जमा नहीं की गयी
है किन्तु इस्लाम चरमपंथियों ने खुद ही उन्हें रिहा कर दिया है। मुक्त की गयी धर्मबहनें
खुश हैं तथा वे अपने समानों के साथ कुरदिस्तान के दोहुक चली गयी हैं। विदित हो कि
मोसुल के महाधर्माध्यक्ष शिमोन इमिल नोना ने उनके रिहाई के लिए अपील की थी। संयुक्त
राष्ट्र संघ की रिर्पोट के अनुसार जून महीने में हिंसा एवं आतंक के ईराक के कारण करीब
2417 लोगों की जानें जा चुकी हैं। सेना और इस्लामी हमलावरों के बीच युद्ध के कारण लगभग
दस लाख से अधिक लोग घर छोड़कर भाग चुके हैं। दिसम्बर सन् 2011 ई. से अब तक में, यह सबसे
ख़राब स्थिति है।