रोम, शुक्र्वार 11 जुलाई, 2014 (सीएनए) राँची महाधर्मप्राँत के लिये संत पापा फ्राँसिस
द्वारा 9 जुलाई को नियुक्त सहायक धर्माध्यक्ष फादर थियोदोर मसकारेनहस ने कहा कि वे संत
पापा के निर्देश के अनुसार वैसा चरवाहा बन कर कार्य करना चाहते हैं जो अपनी भेड़ों के
करीब रहते हों और उनकी गन्ध का अहसास हो। वे चाहते हैं कि वे लोकधर्मियों के निकट रहें
और उन्हें ईश्वरीय प्रेम और दया का अहसास करायें। धर्माध्यक्ष नियुक्ति के बाद काथलिक
न्यूज़ एजेन्सी को दिये अपने साक्षात्कार में उन्होंने उक्त बातें की और आशा व्यक्त की
है वे संत पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक जीवन से प्रेरित होकर लोगों की सेवा करेंगे। धर्माध्यक्ष
नियुक्त फादर मासकारेनहस ने कहा कि अपनी सीमित क्षमताओं और मानवीय कमजोरियो के बावजूद
वे चाहते हैं कि एक समर्पित चरवाहे के रूप में लोकधर्मियों, पुरोहितों और आम लोगों की
सेवा करेंगे। नये दायित्व के बारे पूछे गये एक प्रश्न का उत्तर देते हुए फादर थियोदोर
ने कहा कि ज़िम्मेदारी कठिन है पर ईश्वर पर मुझे पूर्ण विश्वास है। उन्होंने कहा
कि राँची के लोग खुले दिलवाले, मिलनसार हैं और उनकी आस्था ईश्वर पर अपार है।राँ ची एक
ऐसा धर्मप्राँत है जहाँ के लोगों ने ईशवाणी को सुना है और इस क्षेत्र में सुसमाचार का
प्रचार बड़े पैमाने पर हुआ है। फादर मसकारहेनास ने बतलाया कि उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक
अगस्त महीने के अन्त में राँची के महागिरजाघर में राँची के लिये ही नियुक्त सहयोगी धर्माध्यक्ष
फादर तेलेस्फोर बिलुँग के साथ सम्पन्न होगा। उन्होंने बतलाया कि उनका आदर्श वाक्य
होगा "तेरा वचन प्रभु मेरे पाँव का दीपक है।" अपने साक्षात्कार में फादर थियोदोर
ने कहा कि वे चाहते हैं कि भारत में सुसमाचार का प्रचार हो और सुसमाचार का अर्थ है ईशवचन
का प्रचार और ईशवचन है प्रेम, दया, क्षमा और वार्तालाप जहाँ हिंसा या चरमपंथ के लिये
कोई स्थान नहीं।