वाटिकन सिटी, सोमवार, 7 जुलाई 2014 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 6 जुलाई
को संत पेत्रुस माहागिरजाघर के प्राँगण में भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ
किया। देवदूत प्रार्थना का पूर्व उन्होंने उन्हें सम्बोधित कर कहा, ″अति प्रिय भाइयो
एवं बहनो, सुप्रभात, इस रविवार के सुसमाचार पाठ में हम येसु के बुलावे को पाते हैं,
वे कहते हैं, ''थके-माँदे और बोझ से दबे हुए लोगो! तुम सभी मेरे पास आओ। मैं तुम्हें
विश्राम दूँगा।″ जब येसु ये बात कह रहे थे, तो उनके मन में वे लोग मौजूद थे जो प्रतिदिन
गलीलिया की गलियों पर येसु से मुलाकात करते थे। वे साधारण, गरीब, बीमार, पापी तथा हाशिये
के लोग थे जो हमेशा येसु का वचन सुनने हेतु उनका अनुसरण करते थे क्योंकि यह वचन उन्हें
आशा प्रदान करती थी।″ संत पापा ने कहा, ″येसु का वचन हमेशा जीवन में आशा का संचार
करता है।″ इतना तक कि लोग उनके वस्त्र को छू कर भी आशा का एहसास करते थे। येसु ने स्वयं
अनुभव किया कि वह जनता थकी-हारी एवं लाचार थी, बिना चरवाहे की भेड़ों जैसी थी। येसु उनके
बीच ईश्वर के राज्य का प्रचार करते तथा बहुतों को शारीरिक एवं आध्यात्मिक चंगाई प्रदान
करते थे। अतः येसु उन्हें यह कहते हुए बुलाते हैं, ″मेरे पास आओ″ और वे उन्हें विश्राम
देने की प्रतिज्ञा करते हैं। संत पापा ने कहा, ″येसु आज भी गरीबों को, जीवन की कठिनाईयों
से जूझ रहे लोगों को तथा परेशानियों में पड़े लोगों को अपने पास बुलाते हैं। ग़रीब देशों
में तथा धनी देशों के ग़रीब गाँवों में भी बहुत से लोग लाचार और परेशान हैं परित्यक्त
और उदासीनता के भार से दबे हैं।″ संत पापा ने कहा कि ज़रूरत में पड़े लोगों के प्रति
उदासीनता कितना बुरा है विशेषकर, ख्रीस्तीयों द्वारा। समाज में कितने लोग ग़रीब हैं असंतुष्ट
एवं निराश हैं। कई लोगों को अपना जीवन दाँव पर लगाकर, घर छोड़ विस्थापित होना पड़ता है।
बहुत सारे लोग आर्थिक व्यवस्था के भार से शोषित हैं तथा यह उनके ऊपर भारी जूआ के समान
है। इस प्रकार की व्यवस्था से बहुत कम लोगों को फायदा होता है। समाज के सभी लोग स्वर्गीय
पिता के पुत्र-पुत्रिया हैं। येसु कहते हैं, ″तुम सब मेरे पास आओ।″ येसु कहते हैं कि
धनी लोग भी अंतरिक रूप से गरीब हैं क्योंकि उनका हृदय खाली है वे ईश्वर से दूर हैं अतः
येसु उन्हें भी अपने पास बुलाते हैं। संत पापा ने कहा कि येसु का बुलावा सभी लोगों के
लिए है विशेषकर, उन लोगों के लिए जो कष्ट सह रहे हैं। येसु सभी को विश्राम देने
की प्रतिज्ञा करते हैं। यह एक बुलावा है किन्तु एक आदेश भी। ″मेरा जुआ अपने ऊपर ले लो
तथा मुझ से सीखो क्योंकि मैं स्वभाव से नम्र और विनीत हूँ।″ (मती.11꞉29) प्रभु का जुआ
है भ्रातृ स्नेह से अन्यों का भार वहन करना। एक बार जब हम ख्रीस्त के ताज़गी और आराम
को प्राप्त करते हैं तो गुरु का अनुकरण करते हुए विनम्रता द्वारा हमें भी अपने भाइयों
के लिए ताजगी एवं आराम बनना है। हृदय की विनम्रता द्वारा हम न केवल अन्यों का भार वहन
करने में मदद करें किन्तु हम अपने विचारों, राय, आलोचना अथवा उदासीनता द्वारा उनपर अपना
भार न डालें। संत पापा ने धन्य कुवाँरी मरिया से प्रार्थना की कि लाचार एवं आसहय
लोगों को वे अपनी छत्रछाया में सुरक्षित रखें। जिससे कि विश्वास द्वारा प्रज्वलित होकर,
वे जीवन का साक्ष्य दे सकें, तथा उन लोगों के लिए राहत बनें जिन्हें मदद, स्नेह और आशा
की आवश्यकता है। इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी
को अपना प्रेरितिक आर्शीवाद दिया। देवदूत प्रार्थना समाप्त करने के पश्चात् संत पापा
ने देश विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा,
मैं सभी तीर्थयात्रियों का अभिवादन करता हूँ। मैं त्रेविसो धर्मप्रांत स्थित सालज़ानो
पल्ली के विश्वासियों का अभिवादन करता हूँ। संत पापा ने संत पौला फ्रेसिनेत्ती के
लिटल मिशनरियों, मेलिया तथा सामबातेल्लो के विश्वासियों, वेरदेलिनो पल्ली के नरसरी स्कूल
के बच्चों, ब्रेन्ना 60 तथा विन्टेज कार प्रोसेशन के प्रतिभागियों का अभिवादन किया। संत
पापा ने मोलिसे वासियों का भी अभिवादन किया तथा प्रेरितिक यात्रा के दौरान उनका सहृदय
स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। अंत में संत पापा ने प्रार्थना का आग्रह किया तथा सभी
को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।