वाटिकन सिटी, शनिवार 5 जुलाई 14 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने 5 जुलाई को इसेर्निया
के कैदियों से मुलाकात कर जीवन में आगे बढ़ने की सलाह दी। दो सप्ताह पूर्व कलाब्रिया
स्थित कस्त्रोविलारी में अपनी प्रेरितिक यात्रा की याद करते हुए संत पापा ने उन्हें सम्बोधित
कर कहा, ″ यह सामाजिक चुनौती है जिसके लिए हमें एक मार्ग की आवश्यकता है, कैद में तथा
कैद के बाहर समाज में भी, बाह्य और आंतरिक दोनों रूपों में।″ सबसे महत्वपूर्ण बात
यह है कि हमें रूकना नहीं होना चाहिए क्योंकि ठहरा पानी सड़ जाता है अतः प्रभु की सहायता
से बढ़ते रहना चाहिए। कदम आगे बढ़ाने ही रहना चाहिए। ईश्वर पिता हैं, वे करूणामय हैं
तथा हमें सदा प्यार करते हैं। यदि हम उन्हें ढ़ूढ़ते हैं तो वे हमें स्वीकार करते तथा
क्षमा प्रदान करते हैं। संत पापा ने कहा, ″इस प्रेरितिक यात्रा की विषयवस्तु है ″ईश्वर
क्षमा प्रदान करने से कभी नहीं थकते।″ हमें ऊपर उठाते तथा हमारी मर्यादा पुनः प्रदान
करते हैं। ईश्वर हमें कभी नहीं भूलते हैं। पवित्र बाईबिल में नबी इसायस कहते हैं, ''क्या
स्त्री अपना दुधमुँहा बच्चा भुला सकती है? क्या वह अपनी गोद के पुत्र पर तरस नहीं खायेगी?
यदि वह भुला भी दे, तो भी मैं तुम्हें कभी नहीं भुलाऊँगा।″ (इसा.49꞉15) इसी भरोसे
से आप अपने दैनिक जीवन में आगे बढ़ें और उस विश्वास में आगे बढ़े जो आशा प्रदान करती
है।