वाटिकन सिटीः व्यक्ति-विरोधी बारूदी सुरंगें संघर्ष को बढ़ाती तथा आतंक फैलाती हैं, सन्त
पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 02 जुलाई सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि व्यक्ति-विरोधी
बारूदी सुरंगें संघर्ष को बढ़ाती तथा लोगों में आतंक फैलाती हैं।
मोज़ाम्बीक
की राजधानी मापुतो में 23 से 27 जून तक, व्यक्ति-विरोधी बारूदी सुरंगों के उत्पादन, भण्डारन
एवं इस्तेमाल पर निषेध लगाने वाली ओटावा सन्धि के तीसरे पुनरावलोकन सम्मेलन के प्रतिभागियों
को प्रेषित एक सन्देश में, सन्त पापा फ्राँसिस ने इन सुरंगों के शिकार लोगों के प्रति
एकात्मता का प्रदर्शन किया तथा विश्वव्यापी स्तर पर व्यक्ति विरोधी सुरंगों के उन्मूलन
हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। मापुतो में आयोजित उक्त सम्मेलन में
विश्व के विभिन्न राष्ट्रों तथा अन्तरराष्ट्रीय एवं ग़ैरसरकारी संगठनों के 1000 प्रतिनिधियों
भाग लिया।
वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन द्वारा सन्त पापा फ्राँसिस
की ओर से प्रेषित सन्देश में एन्टी परसनल माईन्स यानि व्यक्ति विरोधी सुरंगों को कायर
हथियार निरूपित किया गया तथा इस बात को रेखांकित किया गया कि व्यक्ति विरोधी सुरंगों
के घाव हमें स्मरण दिलाते हैं कि आम तौर पर अस्त्रों का उपयोग सबके लिये पराजय का संकेत
है।
प्रतिभागियों का सन्त पापा आह्वान किया कि वे व्यक्ति-विरोधी बारूदी सुरंगों
के उन्मूलन हेतु अपने समर्पण को नवीकृत करें तथा बाध्यकारी निर्णय लें ताकि असुरक्षा
एवं बारूदी सुरंगों के आतंक में प्रतिदिन जीवन यापन करने वाले अनेकानेक परिवारों एवं
समुदायों के जीवन में सुधार की आशा सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहाः "उनके इर्द गिर्द का
वातावरण उनके लिये निरन्तर ख़तरा बना हुआ है जबकि उसे उर्वरकता, विकास एवं आनन्द का स्रोत
होना चाहिये।"
सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति शांति की
तलाश करता है जो भय के विपरीत है। उन्होंने कहा, "व्यक्ति विरोधी सुरंगें जटिल, विचक्षण
और सूक्ष्म होती हैं क्योंकि वे युद्ध को प्रश्रय देती तथा संघर्ष समाप्त होने के बाद
भी डर को पोषित करती रहती हैं।"
उन्होंने कहा कि यदि हमारे परिवार निरन्तर भय
एवं विनाशकारी घृणा से आतंकित जीवन यापन करने को बाध्य हैं तो शांति, स्थायित्व एवं सुरक्षा
का कोई मतलब नहीं है।
निरस्त्रीकरण के प्रयासों को मानव व्यक्ति पर केन्द्रित
करने का आग्रह कर सन्त पापा ने कहा कि सभी को पुनर्मिलन, आशा एवं प्यार के लिये जगह बनाने
हेतु तत्पर रहना चाहिये।