श्रोताओं के पत्र पत्र- महाशय, नमस्कार! परम सम्मान के साथ सहर्ष सूचित करना है कि
मैँ वाटिकन रेडियो का नियमित, पुराना तथा जागरुक श्रोता हूँ। आपके द्वारा प्रसारित सभी
कार्यक्रम शांतिदायक, ज्ञानवर्द्धक, शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक और सारगर्भित होते हैँ।
कार्यक्रम प्रस्तुतिकरण शैली तथा प्रसारण गुणवत्ता उच्च स्तर के हैँ। इसलिए कार्यक्रम
सुनकर नियमित पत्र लिखने का प्रयास करता हूँ। आपके फेसबुक और वेबसाइट भी बहुत अच्छे लगते
है। 03 जून को शाम की सभा मेँ प्रसारित भक्ति गीत-क्या नहीँ कर सकता इंसान..... शांतिदायक
तथा मनमोहक लगी। सुन्दर भक्ति गीत प्रसारित करने के लिए वाटिकन रेडियो परिवार को हार्दिक
धन्यवाद! डॉ. हेमान्त कुमार, प्रियदर्शनी रेडियो लिश्नर्स क्लब के अध्यक्ष, गोराडीह
भागलपुर, बिहार।
पत्र- श्रद्धेय फादर जस्टिन, आपको, मिस जुलिएट एवं सि. उषा को
मेरा प्रेम भरा नमस्कार। 8 जून के मेरे ई मेल को श्रोताओं के पत्र कार्यक्रम में शामिल
करने के लिए धन्यवाद। मेरे पत्र का जवाब देते हुए सि. उषा ने तीन बहुत अच्छी बातें कही
उन्हें मैंने इस प्रकार नोट किया। 1. प्रयासरत रहना ही सफलता की राह पर अग्रसर होना
है 2. सदैव आशावान बन के जीना और निराशा के हानि से बचना, तथा 3. जीवन में जीतने
के लिए धैर्य की सच्चाई पर विश्वास करना। कार्यक्रम सुनकर मुझे ऐसा लगा कि आप दोनों
ने सिर्फ मेरी नहीं अपितु उन सब के सराहना की जो अपने जीवन में प्रयास करते, आशावान रहते
और धैर्य पूर्वक जीवन जीते हैं। आज मुझे इस बात की भी बड़ी खुशी है कि पिछले वर्ष पोर्टब्लेयर
में फादर जस्टिन से व्यक्तिगत भेंट की थी और वाटिकन रेडियो से जब जुड़ गया था इसके एक
साल पूरे हो गये हैं। मेरी प्रार्थना है कि आप तीनों के साथ साथ वाटिकन रेडियो हिन्दी
विभाग के सब अधिकारियों को प्रभु आशीष दे। जय येसु। फादर सिप्रियन खलखो, कैम्पबेल
बे, अंडमान निकोबार।
पत्र- यह जानकर हर्ष हुआ कि हमारे संत पापा फ्रांसिस
ने कलाब्रिया में कहा कि हम राष्ट्र की प्रजा हैं जो ईश्वर को प्यार करती हैं प्रभु येसु
ने हमारे लिए अपने आपको सदा के लिए क्रूस पर निछावर कर गए। आज विश्व के अनेक देशों में
गोलियां चलने की आवाज़ सुनाई दे रही हैं इंसान अपना धर्म भूल चूका है। अगर हम प्रभु के
वचनों पर मनन-चिंतन करते है तो एक सच्चा मानव कहला सकते हैं। विद्यानन्द राम दयाल,
पियर्स मोरिसस।
पत्र- आदरणीय फादर, जय येसु। वाटिकन रेडियो प्रेम, शांति और सत्य
का प्रतीक है। आपके द्वारा प्रेषित वाटिकन भारती पत्रिका का बन्डल मिला। सभी सदस्यों
और क्रिश्चन समुदाय में बांटा। उक्त पत्रिका में संत पापा का संदेश ज्ञानवर्धक था। मैं
उत्तर बिहार के बड़े क्षेत्र में वाटिकन रेडियो का प्रसार कर रहा हूँ। दीपक कुमार दास,
अपोलो रेडियो लिश्नर्स क्लब।