नई दिल्ली, 30 जून सन् 2014 (रायटर): भारत की नई सरकार गंगा नदी की सफाई के लिये प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी योजना को अन्जाम देते हुए साधु सन्तों से इस सिलसिले
में परामर्श करेगी।
हिमालय से बंगाल की खाड़ी तक लगभग ढाई हज़ार किलो मीटर तक
विस्तृत, हिन्दुओं के लिये पवित्र गंगा नदी में श्रद्धालु शुद्धिकरण के लिये स्नान करते
हैं किन्तु यह कूड़े कचरे, औद्योगिक अपशिष्ट तथा अनुपचारित मलजल से भी भरी है।
इससे
पहले भी गंगा नदी को साफ करने की योजनाएं बनाई गई थीं किन्तु समन्वय की कमी कारण इन्हें
कार्यरूप नहीं दिया जा सका। गंगा के तट पर होनेवाले दाह संस्कार के उपरान्त जले हुए अवशेषों
को खाने के लिये विशिष्ट कछुओं का भी प्रस्ताव किया गया था जो विफल रहा।
वाराणसी
स्थित 3000 वर्ष प्राचीन माँ गंगा की सफाई एवं जीर्णोद्धार को विगत माह नियुक्त प्रधान
मंत्री मोदी ने अपनी प्राथमिकताओं में रखा है।
मोदी सरकार में जल संसाधन मंत्री
उमा भारती ने कहा है कि प्रधान मंत्री मोदी की योजना को दृष्टिगत रख "वे गंगा की सफाई
को एक विशाल जन अभियान में परिणत करेंगी तथा इसके लिये ग़ैरसरकारी संस्थाओं एवं साधु
सन्तों से सलाह मशवरा करेंगी।"