2014-06-30 15:32:19

संत पेत्रुस एवं पौलुस का महापर्व


वाटिकन सिटी, सोमवार, 30 जून 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में 29 जून को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने उन्हें सम्बोधित कर कहा,
″प्रिय भाइयो एवं बहनो,
सुप्रभात,
प्राचीन काल से ही, 29 जून के दिन, रोम की कलीसिया प्रेरित संत पेत्रुस एवं पौलुस का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाती है। येसु ख्रीस्त में विश्वास ने उन्हें भाई बनाया एवं शहादत ने उन्हें एकता के सूत्र में बाँध दिया। मानवीय स्तर पर पेत्रुस एवं पौलुस एक-दूसरे से काफी भिन्न स्वभाव के थे किन्तु वे ईश्वर द्वारा चुने गये थे तथा दोनों ने ख्रीस्त के बुलावे का प्रत्युत्तर देते हुए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था। दोनों व्यक्तियों में ख्रीस्त की कृपा ने महान कार्य सम्पन्न किया तथा उन्हें पूरी तरह बदल दिया। सिमोन पेत्रुस ने येसु के दुखभोग के समय येसु को इनकार कर दिया था दूसरी ओर सौल ने ख्रीस्तीयों पर बुरी तरह अत्याचार किया था। किन्तु दोनों ने ईश्वर के प्यार तथा करूणा का एहसास पाने पर मन परिवर्तन किया तथा एक-दूसरे के मित्र एवं ख्रीस्त के प्रेरित बन गये। वे अब भी कलीसिया से बातें करते हैं तथा मुक्ति का रास्ता दिखाते हैं। जब हम आत्मा मारू पाप में गिर जाते तथा हमारे सामने घोर अँधेरा छा जाता है ऐसे समय में भी ईश्वर हमारा मन-परिवर्तन करने तथा पाप क्षमा करने के लिए सदा तैयार हैं उसी प्रकार, जिस प्रकार उन्होंने संत पेत्रुस एवं पौलुस का मन-परिवर्तन किया था। इस प्रकार वे पाप के अंधेरे से निकाल कर हमें अद्भुत प्रकाश में ले आते हैं।
संत पापा ने कहा कि प्रेरित-चरित ग्रंथ उनके साक्ष्य को प्रस्तुत करता है। उदाहरण के लिए, संत पेत्रुस गरीबों के प्रति विश्वास की नज़रों से देखने तथा हमारे पास जो मूल्यवान वस्तु है अर्थात येसु के नाम की शक्ति, उसका दान करने की शिक्षा देते हैं। उन्होंने अर्द्धांगी रोगी के साथ ऐसा ही किया, जब प्रेरित संत योहन के साथ वे मंदिर के द्वार पर बैठे भिखारी के पास से होकर गुजर रहे थे। उन्होंने उस व्यक्ति से कहा, ″हमारी ओर देखो″ तथा उन्होंने उसके साथ मानवीय संबंध स्थापित करने हेतु उसे अपनी नज़रों में नजर डालने का निमंत्रण दिया।
फिर कहा, ″मेरे पास न तो चाँदी है और न सोना; बल्कि मेरे पास है जो, वही तुम्हें देखा हूँ- ईसा मसीह नाजरी के नाम पर चलो''। (प्रे.च.3꞉4-6) उन्होंने उसके हाथों को लेकर चलने में मदद किया और व्यक्ति चलने लगता है। उपस्थित सभी लोगों के लिए यह एक विस्मयकारी घटना थी क्योंकि येसु ने पेत्रुस के माध्यम से उसे चंगाई प्रदान की थी।
संत पौलुस का दमिश्क शहर के रास्ते पर मन परिवर्तन की घटना का तीन बार जिक्र किया गया है। इस घटना के द्वारा उसके जीवन में एक नया मोड़ आया जो उसके पूर्व एवं बाद के जीवन को स्पष्ट रूप से परिलक्षित करता है।
पौलुस पहले कलीसिया का विरोधी था जबकि बाद में उसने सुसमाचार की सेवा में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। हमारे लिए भी यही है जब हम ख्रीस्त के वचन को प्राप्त करते हैं तो हमारा जीवन पूरी तरह बदल जाता है। यदि हम ईश वचन को नहीं सुनते हैं तो हम अपने स्थान पर अडिग रहते तथा अपनी आदतों में चिपके रहते हैं। ईश वचन हमें स्वार्थ से ऊपर उठकर हमारे गुरु, जिन्होंने अपने मित्रों के लिए अपने प्राण निछावर कर दिये उनके पद चिन्हों पर चलने में मदद करता है। यदि हम उदार होकर उनसे क्षमा याचना करते हैं तो वे हमें अपने वचनों से बदल देते तथा क्षमा प्रदान करते हैं।
संत पापा ने कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, यह पर्व हमें बड़ा आनन्द प्रदान करता है क्योंकि यह हमें दो व्यक्तियों पर ईश्वर की करूणा की याद दिलाता है। ऐसे लोगों पर जो घोर पापी थे। ईश्वर हमें भी अपनी कृपाओं से भर देना चाहते हैं जिस प्रकार उन्होंने पेत्रुस और पौलुस से किया। धन्य कुँवारी मरिया उन महान संतों की तरह येसु ख्रीस्त एवं सुसमाचार के साक्ष्य हेतु उदार बनने में हमारी सहायता करें तथा कठिनाईयों की घड़ी हमारी मदद करे। हम महाधर्माध्यक्षों के लिए प्रार्थना करें जिनकी नियुक्ति गत वर्ष हुई है तथा जिनके साथ आज मैंने संत पेत्रुस महागिरजाघर में पावन ख्रीस्तयाग अर्पित किया है। मैं उन्हें तथा उनके सभी विश्वासियों तथा परिवारों का अभिवादन करता एवं अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त करता हूँ।
इतना कहने के पश्चात् संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आर्शीवाद प्रदान किया।
देवदूत प्रार्थना का पाठ कर संत पापा ने देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।
उन्होंने इराक की वर्तमान परिस्थिति पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि इराक से जो खबर आ रही है वह अत्यन्त दुखद है। मैं वहाँ के धर्माध्यक्ष के साथ मिलकर सरकार से अपील करता हूँ कि संवाद द्वारा देश की एकता को बनाए रखा जा सकता है तथा युद्ध रोका जा सकता है। वे हज़ारों परिवारों के साथ हैं विशेषकर, ख्रीस्तीय जिन्हें अपना घर छोड़ना पड़ रहा है तथा वे भारी संकट में पड़े हैं। हिंसा हिंसा को ही उत्पन्न करती है। संवाद ही शांति का एकमात्र रास्ता है। हम माता मरिया से प्रार्थना करें कि वे ईराक की रखवाली करें।
संत पापा ने रोम के संरक्षक संत पेत्रुस एवं पौलुस के पर्व पर, रोम वासियों का अभिवादन किया। उन्होंने फूलों द्वारा विया देला कॉनचेलात्सियोने पर कलात्मक सजावट के लिए सभी कलाकारों को बधाईयाँ दी।
अंत में उन्होंने सभी लोगों को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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