वाटिकन सिटीः सिनड के दस्तावेज़ ने रेखांकित किया परिवार पर बने सांस्कृतिक एवं आर्थिक
ख़तरों को
वाटिकन सिटी, 27 जून सन् 2014 (सेदोक): वाटिकन ने 26 जून को, आगामी विश्व धर्माध्यक्षीय
धर्मसभा का दस्तावेज़ "इन्सट्रूमेनतुम लाबोरिस" की प्रकाशना कर दी। इस दस्तावेज़
में परिवार पर बने सांस्कृतिक एवं आर्थिक ख़तरों को रेखांकित किया गया है और साथ ही इस
बात पर भी ध्यान आकर्षित कराया गया है कि परिवार पर छाये व्यापक सांस्कृतिक, सामाजिक
एवं आर्थिक संकट के समक्ष काथलिक कलीसिया किस प्रकार सुसमाचारी मूल्यों एवं नैतिक मूल्यों
का प्रसार कर सकती है। 75 पृष्ठों वाले धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के दस्तावेज़ में
विश्व के धर्माध्यक्षों को चिन्तन के लिये सन्दर्भ बिन्दु प्रदान किये गये हैं ताकि वे
अक्तूबर सन् 2014 के लिये निर्धारित धर्मसभा के लिये उपयुक्त तैयारी कर सकें। अक्तूबर
सन् 2014 के लिये तय विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का विषय हैः "सुसमाचार उदघोषणा के सन्दर्भ
में परिवार की प्रेरितिक चुनौतियाँ"। विगत नवम्बर माह में विश्व के धर्माध्यक्षों
ने एक प्रश्नोत्तरी के जवाब में अपने सुझाव वाटिकन को प्रेषित किये थे। उसी पर विश्व
धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का उक्त दस्तावेज़ आधारित है। दस्तावेज़ में परिवार पर काथलिक
कलीसिया की शिक्षा को स्पष्ट किया गया है। इनमें कुछेक विवादास्पद विषयों जैसे गर्धनिरोधक,
तलाक, पुनर्विवाह, समलिंगकामी सम्बन्ध, विवाह से पूर्व यौन सम्बन्ध तथा विट्रो फरटीलाईज़ेशन
आदि पर भी काथलिक कलीसिया के विचारों को स्पष्ट किया गया है। विश्व के धर्माध्यक्षीय
सम्मेलनों ने अपने सुझावों में इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया था कि उक्त विषयों पर
काथलिक कलीसिया की शिक्षाओं को प्रायः, धर्म के प्रति उदासीनता, सुखवादी संस्कृति, वैयक्तिकवाद
तथा सापेक्षवादी प्रवृत्तियों के चलते स्वीकार नहीं किया जाता है। दस्तावेज़ में
यह भी कहा गया कि प्रायः आर्थिक कठिनाइयों के कारण परिवार बिखर जाते हैं तथा नवदम्पत्ति
विवाह के बिना ही एक साथ रहने का फैसला कर लेते हैं। युवाओं में नित्य बढ़ती बेरोज़गारी
तथा आवास की समस्या को परिवार के विघटन का एक प्रमुख कारण बताया गया। दस्तावेज़ में
इस तथ्य पर बल दिया गया कि माता पिताओं की अनियमित स्थिति के कारण बच्चों एवं युवाओं
को दोषी नहीं माना जाना चाहिये तथा काथलिक स्कूलों आदि में उनका स्वागत किया जाना चाहिये।