वाटिकन सिटी, सोमवार, 23 जून 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में 22 जून को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना
का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने उन्हें सम्बोधित कर कहा, ″प्रिय
भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात, इटली एवं कई अन्य देशों में इस रविवार को ख्रीस्त के
पावन देह और रक्त का त्यौहार मनाया जाता है जिसे लैटिन में ‘कोरपुस ख्रीस्ती’ कहा जाता
है। कलीसिया पावन ख्रीस्तयाग के लिए एकत्र होकर येसु ख्रीस्त द्वारा प्रदत्त सबसे मूल्यवान
ख़ज़ाने की आराधना करती है। संत योहन रचित सुसमाचार पाठ ‘जीवन की रोटी’ के प्रवचन
को प्रस्तुत करता है जिसे येसु ने कफरनाहुम के यहूदी सभागृह में दिया था। येसु कहते हैं,
″स्वर्ग से उतरी हुई वह जीवन्त रोटी मैं हूँ। यदि कोई वह रोटी खायेगा, तो वह सदा जीवित
रहेगा। जो रोटी में दूँगा, वह संसार के लिए अर्पित मेरा मांस है।'' (यो.6.51) यह वचन
दर्शाता है कि येसु इस संसार में कुछ अन्य चीज़ देने नहीं आये किन्तु उन्होंने अपने आपको
अर्थात् अपने जीवन को ही, उनमें विश्वास करने वाले लोगों के आत्मिक आहार रूप में अर्पित
कर किया। ख्रीस्त के साथ यह संयुक्ति, हम शिष्यों को उनका अनुसरण करते हुए हमारे जीवन
को अन्यों के लिए रोटी के समान तोड़ने हेतु प्रेरित करती है। जब कभी हम पावन ख्रीस्तयाग
में भाग लेते हैं तथा ख्रीस्त के देह से अपने को पोषित करते हैं तब येसु ख्रीस्त एवं
पवित्र आत्मा हम में कार्य करते हैं, वे हमारे हृदय को गढ़ते तथा हमारे आंतरिक मनोभाव
को सुसमाचार के मनोभाव के अनुरूप परिवर्तित कर देते हैं जिसके कारण हममें ईश वचन के प्रति
विनम्रता, भाईचारे की भावना, ख्रीस्तीय विश्वास के साक्ष्य का साहस, प्यार की भावना,
निराश लोगों में आशा जगाने की क्षमता तथा समाज से बहिष्कृत लोगों का स्वागत करने की भावना
में वृद्धि होती है। इस तरह पावन यूखरिस्त ख्रीस्तीय जीवन शैली को परिपक्व बनाता है।
ख्रीस्त के इस वरदान को उदार हृदय से ग्रहण करने पर यह हमें परिवर्तित करता है, हमें
प्यार के योग्य बनाता है, मानव की सीमित बुद्धि के अनुसार नहीं किन्तु ईश्वर की योजना
अनुसार जो शर्त नहीं रखते। इस प्रकार, हम उन लोगों को भी प्यार कर सकते हैं जो हमें प्यार
नहीं करते, बुराई पर अच्छाई द्वारा विजय प्राप्त करते, क्षमा करते, बांटते तथा अन्यों
को स्वीकार करते हैं।″ संत पापा ने कहा, ″येसु ख्रीस्त एवं उनके पवित्र आत्मा
के द्वारा हमारा जीवन भाई-बहनों के लिए रोटी के समान तोड़ा जाता और इस प्रकार जीवन यापन
से हम सच्चे आनन्द की पुनःखोज करते हैं। अपने आप को अर्पित करने के आनन्द का अनुभव करते
हैं। यह महान वरदान है जिसे हम मुफ्त में प्राप्त करते हैं उसके बदले में दूसरों के लिए
उपहार बनने की खुशी प्राप्त करते हैं। अनन्त जीवन की रोटी येसु, स्वर्ग से उतरा एवं
शरीर धारण किया। हम कुँवारी मरिया के विश्वास के लिए धन्यवाद दें। अगाध प्रेम से येसु
को जन्म देने के पश्चात् उन्होंने क्रूस के नीचे एवं पुनरुत्थान तक निष्ठापूर्वक उनका
साथ दिया। हम माता मरिया से प्रार्थना करें कि वे हमारी मदद करें ताकि हम यूखरिस्त को
अपने जीवन का केंद्र बनाने हेतु उसकी सुन्दरता की पुनः खोज कर सकें विशेषकर, रविवारीय
ख्रीस्तयाग और आराधना में। इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत प्रार्थना का पाठ
किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आर्शीवाद दिया। देवदूत प्रार्थना समाप्त करने के पश्चात्
संत पापा ने देश-विदेश से एकत्रित सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, ″आगामी 26 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा यातना के
शिकार लोगों की मदद हेतु समर्पित रखा गया है। इस अवसर पर हम यातना के सभी रूपों की कड़ी
निंदा करते हैं तथा ख्रीस्तीयों से आग्रह करते हैं कि वे यातनाओं के उन्मूलन हेतु सहयोग
देने के लिए आगे आयें तथा यातना के शिकार लोगों एवं उनके परिवार वालों को समर्थन प्रदान
करें।″ अंत में उन्होंने सभी उपस्थिति लोगों का अभिवादन किया तथा सभी के प्रति शुभ
रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।