मलेशिया, सोमवार 23 जून, 2014 (उकान) मलेशिया की सुप्रीम कोर्ट ने ख्रीस्तीयों द्वारा
भगवान के लिये 'अल्लाह' शब्द के व्यवहार पर प्रतिबंध लगा दिया है और इस तरह से वर्षों
से चल रही विवाद का अंत हो गया। विदित हो कि मुस्लिम बहुसंख्यक मलेशिय़ा में काथलिक
चर्च ने सरकार से अपील की थी वह भगवान के लिये प्रयोग किये जाने वाले अरबी शब्द ' अल्लाह
' की अनुमति दे ताकि वह अपने स्थानीय समाचार पत्र में इसका उपयोग कर सके। एक ऐतिहासिक
निर्णय में 7 न्यायधीशों की एक खंडपीठ ने निचले अदालत की निर्णय का बचाव करते हुए सरकारी
पक्ष को उचित ठहराया है। इसके अन्तर्गत 7 में से चार न्यायधीशों ने मुसलमानों को
छोड़ कर अन्यों द्वारा ' अल्लाह ' शब्द पर प्रतिबंध लगाने को सही कहा है। उधर ईसाइयों
के वकील सेल्वाराजा ने कहा कि वे कोई अन्य विकल्प खोज निकालेंगे ताकि न्यायालय के निर्णय
को चुनौती दी जा सके। मुसलमानों का कहना है कि अल्लाह शब्द की रक्षा करना उनका धार्मिक
कर्त्तव्य है और ईसाइयों का कहना है कि अदालत ने निर्णय करते समय अल्पसंख्यकों के मौलिक
अधिकारों की अनदेखी की है। विदित हो कि अल्लाह शब्द को ईसाइयों द्वारा प्रयोग करने
के बारे में सन् 2007 में उस समय विवाद खड़ा हुआ था जब मलेशिया गृहमंत्रालय ने ईसाइयों
की पत्रिका हेराल्ड में इसके प्रयोग पर आपत्ति जतायी थी। मुसलमानों का मानना है
कि अल्लाह का प्रयोग गैर मुसलमान साहित्यों में भ्रांति पैदा करेगा और कई मुसलमान ख्रीस्तीय
धर्म की ओर झुकेंगे। सन् 2009 में अदालत ने ईसाइयों के पक्ष में फैसला सुनाया था
जिससे मुसलमान भड़क उठे थे और ख्रीस्तीय संस्थाओं में तोड़-फोड़ भी मचाया था।