वाटिकन सिटी, शुक्रवार 20 जून, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 20
जून को वाटिकन सिटी के क्लेमीन्टीन सभागार में ' अन्तरराष्ट्रीय औषध प्रवर्तन सम्मेलन
' में हिस्सा ले रह प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि
दुनिया की एक भयानक और जटिल समस्या के समाधान के लिये एक सेमिनार का आयोजन किया गया है।
संत पापा ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि ऐसे सेमिनार अपने लक्ष्य अवश्य ही
प्राप्त करेंगे और नशीले पदार्थ विरोधी नीतियों के समन्वय, प्रासंगिक जानकारी और नशीली
दवाओं के व्यापार से लड़ने के उद्देश्य से एक कार्य रणनीति का विकास संभव हो पायेगा जिससे
नशीले पदार्थों के व्यापार को रोक जा सकेगा। संत पापा ने कहा कि नशीली दवाओं के
राष्ट्रीय और महाद्वीपीय सीमाओं में अतिक्रमण से राष्ट्र परेशान हैं। इससे नृशंसता
फैल रही है, नतीजतन, अधिक से अधिक युवाओं और किशोरों की जान खतरे में हैं। इसके लिये
मैं केवल मेरे दु: ख और चिंता प्रकट कर सकता हूँ। संत पापा ने कहा कि नशीली दवाओं
का सेवन बुरा है और इस बुराई के साथ किसी प्रकार का न समझौता किया जा सकता न ही इसके
सामने घुटना ही टेका जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज इस बात की ज़रूरत है कि समाज
हर नशीली दवाई को ' न ' कहे तथा प्रेम, जीवन, शिक्षा तथा रोज़गार के अवसर को ' हाँ '
कहे। यदि हम इन मूल्यों को ' हाँ ' कहते हैं तो नशीली पदार्थों का अवैध व्यापार
और इससे जुड़े अन्य व्यसन स्वयं ही समाप्त हो जायेंगे। येसु की आज्ञा का पालन करते
हुए कलीसिया उन स्थानों में जाये जहाँ लोग दुःख झेल रहे हैं, प्यासे और भूखे हैं तथा
बंदीगृह में हैं और वहाँ भी जायें जहाँ लोग नशीली दवाओं के शिकार हो गये हैं उनसे नये
उत्साह से मिलें। कलीसिया उन्हें मदद दे ताकि वे मानव की मर्यादा को प्राप्त करें,
आन्तरिक ताकत प्राप्त करें तथा व्यक्तिगत क्षमताओं को पुनः पायें उसे कदापि न खोयें क्योंकि
प्रत्येक व्यक्ति ईश्वर का प्रतिरूप है। संत पापा ने आशा व्यक्त की कि जो युवा नशीली
पदार्थों के चंगुल से बचने का प्रयास कर रहें हैं और नया जीवन जीना चाहते हैं उनका जीवन
हमारे लिये प्रेरणा हो और हम विश्वास के साथ एक उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आगे
बढ़ें ।