वाटिकन सिटी, सोमवार 16 जून, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने गरीबों के निवेश
विषय पर आयोजित एक सेमिनार के सदस्यों को अपना संदेश देते हुए कहा कि सामाजिक समानता
के लिये सही और व्यावहारिक रणनीति बनाना ज़रूरी है।
संत पापा ने ग़रीबों के निवेश
विषय पर सेमिनार आयोजित करने के लिये कार्डिनल तुर्कसन की सराहना की और कहा कि गरीबों
और उपेक्षितों की सहायता करने की बात सोचने की इच्छा के कारण ही उत्तरदायी निवेश पर विचार-विमर्श
हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोमी कूरिया ने गरीबों पर निवेश करने के लिये चल रही
सभा में अपना योगदान देन का निर्णय किया है क्योंकि इससे नये समाधान निकल सकें जिससे
समुदायों तथा पर्यावरण को लाभ मिले और निश्चित और उचित प्रतिफल प्राप्त हो सके।
संत
पापा ने कहा कि निवेशकर्त्ता वे हैं जिन्हें मालूम है कि दुनिया की स्थिति अन्यायपूर्ण
है, जहाँ सामाजिक समानता है और एक ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है जिसे स्वाकार नहीं किया
जा सकता है।
संत पापा ने कहा कि उनकी आशा है कि ऐसे आर्थिक संगठन या समुदाय अपने
स्रोतों को उपयोग इस तरह से करे ताकि आम लोगों की बुनियादी ज़रूरतों को जैसे, खेती-बीरी,
जल, मकान, स्वास्थ्य तथा शिक्षा की ज़रुरतों को पूरा किया जा सके। इस प्रकार के निवेश
से स्थानीय समुदायों को सीधा लाभ मिलता है विशेष करके रोज़गार प्राप्त करने, उर्जा पाने
तथा कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होता है। संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय इस बात
को पता लगायें कि वे किस तरह से मुनाफ़ा और मदद में तालमेल ला सकते हैं।
उन्होंने
कहा कि नैतिकता इस विश्व वित्त व्यवस्था को व्यवस्थित करने में अहम् भूमिका अदा कर सकती
है और बाज़ार लोगों तथा सार्वजनिक हितों की पूर्ण कर सकती है।
संत पापा ने खेद
व्यक्त किया कि आज बाज़ार लोगों की सेवा करने के बदले कुछ लोगों की मदद कर रही है जो
अपार संपति के मालिक बनते हैं तो कुछ इसके बोझ से दबे जा रहे हैं।
संत पापा ने
कहा कि आज ज़रूरत है एक ऐसे अन्तरराष्ट्रीय नेटवर्क की जो इस तरह के बाज़ार व्यवस्था
पर जो निवेश करे और ऐसी व्यवस्था को रोक जो फेंकने की प्रवृत्ति और बर्बादी को प्रोत्साहन
देती है।
संत पापा ने लोगों से आग्रह किया कि वे सार्वजनिक हित के लिये अपने
को पुनः समर्पित करें और उनके लिये कार्य करें जो गरीब, कमजोर और ज़रूरतमंद हैं।