थिरुवनथापुरम, शुक्रवार 13 जून, 2014 (उकान) भारत के केरल की यूफ्रासिया औ चावरा कूरियाकोस
को 23 नवम्बर को संत घोषित किया जायेगा।
उक्त बात की जानकारी देते हुए वाटिकन
प्रेस कार्यालय ने कहा कि कार्डिनलमंडल ने दोनों धन्यों को संत घोषित करने का निर्णय
किया है।
मालूम हो कि छः वर्ष पहले केरल की ही सिस्टर अल्फोंसा को भारतीय मूल
का पहला संत होने का गौरव प्राप्त हुआ था।
वाटिकन से संत घोषणा की तिथि की घोषणा
के बाद कोट्टयम और थ्रिसूर में खुशी की लहर दौड़ गयी और कई स्थानों में प्रार्थना सभा
का आयोजन किया गया।
वाटिकन सिटी ने इस वर्ष अप्रैल में दोनों धन्यों फादर चावरा
कुरियाकोस और धन्य यूफ्रेसिया को संत का दर्ज़ा देने का अनुमोदन कर दिया था पर कुछ आवश्यक
औपचारिकता पूरी करने में एक महीने का समय आवश्यक थी।
दोनों धन्य सिरो मलाबार
कलीसिया के हैं तथा उसी धर्मसंघ के सदस्य है जिसकी सदस्या संत अल्फोंसा हैं।संत अल्फोंसा
को संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का परमाध्यक्षीय काल में संत का दर्ज़ा मिला।
चावरा
का जन्म केरल के अलापुड़ा के निकट काइनाकरी में सन् 1805 ईस्वी में हुआ था और उसकी मृत्यु
सन् 1871 ईस्वी में हुई। उन्होंने कार्मेलाइट मेरी इम्माकुलेट (सीएमआई) धर्मसमाज की स्थापना
की। यह धर्मसमाज भारत में कई समाजसेवी संस्थान और शिक्षण संस्थायें चलाता है।
उधर
सिस्टर यूफ्रेसिया का जन्म थिस्सुर के निकट कोट्टूर में सन् 1877 ईस्वी में हुआ और उनकी
मृत्यु सन् 1952 ईस्वी में हुआ