2014-06-11 15:46:05

अंतर कलीसियाई वार्ता सम्मेलन के प्रतिनिधियों को कार्डिनल कुर्ट कोच का संदेश


वाटिकन सिटी, बुधवार, 11 जून 2014 (वीआर सेदोक)꞉ अमरीका के फेयरफिल्ड में 9 से 12 जून तक चल रहे तृतीय अंतरराष्ट्रीय अंतर कलीसियाई वार्ता सम्मेलन के प्रतिनिधियों को कार्डिनल कुर्ट कोच ने एक संदेश प्रेषित किया।
उन्होंने संदेश में लिखा, ″संत पापा फ्राँसिस के पवित्र भूमि की प्रेरितिक यात्रा में मैंने भाग लिया जहाँ वे प्राधिधर्माध्यक्ष बरथॉलोमियो प्रथम से मुलाकात कर संत पापा पौल षष्ठम की प्राधिधर्माध्यक्ष अथनागोरस के साथ 50 वर्षों पूर्व ऐतिहासिक मुलाकात की याद की। 50 वर्षों की इस अवधि ने सत्य की वार्ता एवं प्रेम की वार्ता के परिणाम को प्राप्त किया है। विश्व में अंतर कलीसियाई संबंधों द्वारा सम्मेलन भविष्य में उन दो महत्वपूर्ण वार्ताओं को आगे ले जाने का रास्ता तलाश रही है।″
कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन की शिक्षा को याद करते हुए कार्डिनल कोच ने कहा है कि ख्रीस्तीय भी अन्यों के समान कमजोर हैं। शायद यही कारण है कि हमारे बीच पवित्रता का स्तर निम्न है, ज्ञान का अभाव है, सच्चाई के प्रति हमारा दृष्टिकोण इतना मंद, हमारा विश्वास अवास्तविक, हमारे विचार कृत्रिम एवं सतही हो गये हैं कि हम अपने हृदय की गहराई से एक-दूसरे पर विश्वास नहीं कर सकते हैं। हम सभी में समान रहस्य है इसके बावजूद हम उसे सिर्फ अपने लिए रखना चाहते हैं तथा मन-मुटाव का भय पालते हैं जो वास्तव में एकता का सूत्र होना चाहिए। हम अपने स्वभाव के घावों की परख अच्छी तरह नहीं करते तथा हमारे विश्वास की उद्घोषणा को अपने अंदर स्थापित नहीं करते हैं। हम बाहरी तौर पर एक-दूसरे के साथ मित्रता का भाव दिखाने की चेष्टा करते हैं किन्तु हमारे प्यार का दायरा विस्तृत नहीं है। हमारा स्नेह सीमित है तथा इसे दिल की गहराई तक जाने देने से हम डरते हैं फलतः धर्म एक सामाजिक तंत्र बनकर खोखली रह गई है।″
उन्होंने कहा यद्यपि आज कलीसियाई जीवन में हम कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं तथापि हमारी वार्ताओं में हम बाह्य चीजों पर अधिक ध्यान देते हैं किन्तु वार्ता कलीसिया की वास्तविक चुनौतियों एवं घावों के साथ अंदर से उत्पन्न होनी चाहिए, जहाँ से हमारे रिश्तों का विकास होता एवं संबंध मजबूत बनते हैं। यह निश्चय ही प्रेमपूर्ण वार्ता है।
उन्होंने सभी सदस्यों को अपनी प्रार्थनाएँ एवं शुभकामनाएँ अर्पित कीं।








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