2014-06-09 12:50:20

वाटिकन सिटीः मध्यपूर्व में शांति हेतु सन्त पापा फ्राँसिस ने किया प्रार्थना का नेतृत्व


वाटिकन सिटी, 09 जून सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने, रविवार को, मध्यपूर्व में शांति हेतु प्रार्थना का नेतृत्व किया।

सन्त पापा के आमंत्रण के प्रत्युत्तर में रविवार, 08 जून की सन्ध्या, वाटिकन उद्यान में, शांति हेतु ख्रीस्तीय, इस्लाम एवं यहूदी धर्मों के नेताओं ने एक के बाद एक अँग्रेज़ी, इताली, हिब्रू एवं अरबी भाषाओं में प्रार्थनाएं अर्पित की। पवित्र धर्मग्रन्थ बाईबिल, तोराह तथा कुरान पाक से प्रार्थनाओं का पाठ किया गया तथा भजनों को सुर दिया गया।

इसराएल के राष्ट्रपति शिमोन पेरेस, फिलीस्तीन के राष्ट्रपति मेहमूद अब्बास तथा ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के विश्व प्रमुख प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम प्रार्थना सभा के विशिष्ट अभिनायक थे जो अपने-अपने प्रतिनिधिमण्डलों के साथ उपस्थित हुए थे।

दो घण्टों तक चली प्रार्थना सभा के उपरान्त अपने सम्बोधन में सन्त पापा फ्राँसिस ने इसराएली राष्ट्रपति शिमोन पेरेस तथा फिलीस्तीनी राष्ट्रपति मेहमूद अब्बास से मध्यपूर्व में शांति प्रक्रिया को गति प्रदान करने की ज़ोरदार अपील की।

उन्होंने कहाः "शांति निर्माण साहस की मांग करता है, युद्ध के लिये इतने साहस की ज़रूरत नहीं होती जितनी शांति निर्माण में होती है। शांति निर्माण साक्षात्कार को "हाँ" तथा संघर्ष को "ना" कहने के साहस की मांग करता है; वार्ताओं को "हाँ" और वैमनस्यता को "ना" करने के साहस की मांग करता है।"
समझौतों का सम्मान करने तथा भड़काऊ कृत्यों के बहिष्कार का आग्रह करते हुए सन्त पापा ने कहाः "यह सब करने के लिये साहस की ज़रूरत होती है, इसके लिये साहस एवं दृढ़ता की आवश्यकता होती है।"

विगत माह पवित्रभूमि में अपनी तीर्थयात्रा के अवसर पर इसराएली एवं फिलीस्तीनी शीर्षों को शांति हेतु प्रार्थना का निमंत्रण देनेवाले सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि शांति की खोज "हमारे अन्तःकरणों एवं हमारे लोगों के समक्ष परमदायित्व का कृत्य है।" उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि शांति हेतु, उस क्षण, उनके साथ, विश्व के करोड़ों लोग एकप्राण होकर प्रार्थना कर रहे थे।

सन्त पापा ने कहा, "हमारा आह्वान किया गया है जिसका हमें उत्तर देना है। यह आह्वान है घृणा एवं हिंसा के चक्र को भंग करने का, एक ही शब्द द्वारा इसे भंग करना और वह शब्द है, "भाई"।"

उन्होंने कहा कि युद्ध एवं संघर्ष के शिकार बने निर्दोष बच्चों ने शांति की खोज को अनिवार्य बना दिया है। "इन बच्चों की स्मृति हमारे दिलों में, धैर्यपूर्वक, वार्ताओं एवं सहअस्तित्व की प्राप्ति हेतु काम करने की शक्ति को प्रस्फुटित करती है।"

प्रार्थना समारोह के अन्त में इस्राएल एवं फिलीस्तीन के राष्ट्रपतियों ने सन्त पापा फ्राँसिस एवं प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम के साथ मिलकर, वाटिकन उद्यान में, शांति के प्रतीक रूप में जैतून का एक पौधा आरोपित किया।









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