2014-06-06 15:27:44

स्वर्गीय कार्डिनल लूर्दुसामी के लिये संत पेत्रुस महागिरजाघर में यूखरिस्तीय बलिदान


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 6 जून, 2014 (सीएनए) वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर में दिवंगत कार्डिनल साइमन लूर्दुसामी के शव को भारत के पॉन्डिचेरी ले जाने के पूर्व 5 जून बृहस्पतिवार को एक यूखरिस्तीय बलिदान आयोजित किया गया जिसमें कार्डिनल मंडली के डीन कार्डिनल अन्जेलो सोदानों ने मिस्सा पूजा की अध्यक्षता की।

70 के दशक में सुसमाचार प्रचार के लिये बनी परमधर्मपीठीय संघ के अध्यक्ष कार्डिनल लूर्दूसामी की मृत्यु सोमवार दो जून को रोम में हो गयी थी। 90 वर्षीय कार्डिनल लूर्दुसामी कई बर्षों से बीमार थे।

यूखरिस्तीय बलिदान में बड़ी संख्या में भारत के पुरोहित, धर्मबन्धु धर्मबहनें और धर्मसमाजियों ने हिस्सा लिया और कार्डिनल लूर्दुसामी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

यूखरिस्तीय बलिदान में प्रवचन देते हुए कार्डिनल सोदानों ने कहा कि कार्डिनल लूर्दुसामी का जीवन दुःखों के बीच भी शांतिपूर्ण एवं सेवामय रहा।

उन्होंने कहा कि कार्डिनल एक उत्साही पुरोहित थे जिन्होंने पुरोहिताई के आरंभिक 20 सालों तक भारत में कार्य किया और बाद में 20 सालों तक रोम में अपनी सेवायें दीं।

उन्होंने बतलाया कि कार्डिनल लूर्दुसामी हमेशा संत जोन द्वितीय के प्रेरितिक पत्र ' साल्भची दोलोरिस ' की बातों की याद किया करते थे मानो वे प्रेरित संत पौल की तरह कह रहे हों, ' मैं अपने दुःख में आनन्द पाता हूँ। '

कार्डिनल साइमन लूर्दुसामी का जन्म भारत के काल्लेरी में सन् 1924 में हुआ था। सन् 1962 ईस्वी में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ और बाद में सन् 1968 ईस्वी में बँगलोर के महाधर्माध्यक्ष बनाये गये। सन् 1985 ईस्वी में संत पापा जोन पौल द्वितीय ने उन्हें कार्डिनल का दायित्व सौंपा पर सन् 1991 ईस्वी में बीमारी के कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और अंतिम क्षण तक कलीसिया के लिये प्रार्थना करते रहे।

यूखरिस्तीय बलिदान के समापन के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने स्वर्गीय कार्डिनल साइमन लूर्दुसामी के लिये प्रार्थनायें चढ़ायीं और उन्हें ईश्वर के हाथों सौंप दिया।













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