वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 5 जून 2014 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित
क्लेमेंटीन सभागार में बृहस्पतिवार 5 जून को, सिलिसिया के अपोस्तोलिक अरमेनियाई कलीसिया
के कैथोलिकोस आराम प्रथम से व्यक्तिगत मुलाकात की। उन्हें ख्रीस्तीय एकता हेतु उनके
योगदान की सराहना करते हुए संत पापा ने कहा, ″ख्रीस्तीय एकता के प्रति आपका समर्पण सर्वविदित
है। विशेष रूप से, कलीसियाओं की विश्व परिषद में आप सक्रिय हैं तथा मध्यपूर्व में कलीसियाओं
की समिति को सहयोग दे रहे हैं जो ख्रीस्तीय समुदाय के लिए समस्याओं से उपर उठने में सहायक
सिद्ध हुए हैं।″ संत पापा ने कहा कि वे ख्रीस्तीय समुदाय के एक ऐसे भाग का प्रतिनिधित्व
करते हैं जो ऐसिहासिक रूप से ईश्वर के प्रेम हेतु अपरिवर्तनीय चिन्ह से अंकित है। अरमेनियन
कलीसिया ने हमें इस बात को जानने की प्रेरणा दी है कि हम यात्री हैं अर्थात् हमें ईश्वर
के राज्य की ओर यात्रा करना है। प्रवास, अत्याचार और शहादत का ऐतिहासिक अनुभव ने विश्वासियों
के हृदयों पर गहरा घाव रख छोड़ा है। हमें उन घावों को श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहिए
क्योंकि ये ख्रीस्त के शरीर के घाव हैं जिनसे पिता की करूणा पर हमारी आशा एवं भरोसा बनी
रहती है। संत पापा ने कहा कि आशा एवं भरोसा की अति आवश्यकता है। यह सभी ख्रीस्तीय
भाई-बहनों के लिए आवश्यक है विशेषकर, मध्य पूर्व में। येसु ख्रीस्त के शिष्य होने के
नाते हमें चाहिए कि हम एक-दूसरे को सहन करें उन्हें सहायता दें। हम अच्छे ख्रीस्तीय और
ख्रीस्त के उत्तम शिष्य बनें। सच्चे ख्रीस्तीय बनने के लिए हम अधिक उदार बनें। संत
पापा ने प्रार्थना की कि एकता की हमारी इस यात्रा में पवित्र आत्मा हमें भ्रातृ एकता
को मजबूत करना सिखलाये। संत पापा से मुलाकात के पश्चात् आराम प्रथम ने ख्रीस्तीय
एकता को बढ़ावा देने हेतु परमधर्मपीठीय समिति तथा परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय के
अधइकारियों से भी मुलाकात की। रोम में यह उनका तीसरा दौरा है। आराम प्रथम सीलिसिया
कलीसिया के कथोलिकोस के रूप में सन् 1995 ई. में चुने गये थे।