नई दिल्लीः कार्डिनल लूर्दसामी के निधन पर धर्माध्यक्षों ने व्यक्त की संवेदना
नई दिल्ली, 04 जून सन् 2014 (ऊका समाचार): भारत के काथलिक धर्माध्यक्षों ने कार्डिनल
सायमन लूर्दसामी के निधन पर गहन संवेदना व्यक्त की है।
रोम के एक अस्पताल में
सोमवार को 90 वर्षीय कार्डिनल लूर्दसामी का निधन हो गया था।
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय
सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल बासीलेओस क्लेमिस ने मंगलवार को जारी एक वकतव्य में दिवंगत
कार्डिनल की सेवाओं को याद कर उनके प्रति भावभीनी श्रद्धान्जलि अर्पित की।
उन्होंने
कहा कि कई चुनौतियों के बीच लोगों का मार्गदर्शन करनेवाले कार्डिनल लूर्दसामी कलीसिया
के महान सेवक एवं सच्चे मेषपाल थे।
रोम में परमधर्मपीठीय सुसमाचार प्रचार परिषद
के सचिव रूप में अर्पित उनकी सेवाओं को याद कर कार्डिनल क्लेमिस ने कहा कि उन्होंने कलीसिया
के मिशन हेतु कई पहलें आरम्भ की जिससे विकासशील देशों में मिशन कार्यों को नवीन वेग प्राप्त
हुआ।
पूर्वी रीति की कलीसियाओं के लिये गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष
रूप में दूरदर्शिता के साथ सम्पादित कार्डिनल लूर्दसामी की अनुपम सेवाओं के लिये उन्होंने
ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्हीं की पहल पर रोम में सिरो मंलकार एवं
सिरो मलाबार पुरोहितों के लिये एक विशिष्ट महाविद्यालय की स्थापना हो सकी।
उन्होंने
स्मरण दिलाया कि कार्डिनल लूर्दसामी रोम की पवित्र पीठ के कार्यालय में नियुक्त पहले
भारतीय एवं किसी महत्वपूर्ण परमधर्मपीठीय कार्यालय के अध्यक्ष रूप में नियुक्त होनेवाले
पहले भारतीय कार्डिनल थे।
उन्होंने लिखाः "भारत के इस वैभवशाली पुरोहित के निधन
पर शोक व्यक्त करते हुए मैं भारत के समस्त पुरोहितों, धर्मबहनों एवं काथलिक लोकधर्मियों
से अनुरोध करता हूँ कि वे दिवंगत आत्मा की चिर शांति हेतु प्रभु ईश्वर से प्रार्थना करें।"
रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में गुरुवार को कार्डिनल लूर्दसामी की अन्तयेष्टि
सम्पन्न की जायेगी जिसके बाद उनका पार्थिव शव भारत के पुड्डुचेरी ले जाया जायेगा।