मुम्बाई, शनिवार, 31 मई 2014 (एशियान्यूज़)꞉ मुम्बई के सहायक धर्माध्यक्ष डॉ. पास्कल
कारवाल्हो ने उत्तर प्रदेश के बदायूँ ज़िले में 28 मई को गैंगरेप के बाद पेड़ से लटकी
मिली दो लड़कियों की घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने एशियान्यूज से बातें करते
हुए कहा, ″इस भीषण और दुखद घटना ने महिलाओं पर दिन प्रति दिन हो रही हिंसा को प्रकाशित
किया है। इस समय सबसे बड़ी चुनौती है भारत के ऐसे सामाजिक नियमों से लड़ना जिन से भेदभाव
पर आधारित हिंसा को बढ़ावा मिलता है।″ बदायूँ ज़िले में गैंगरेप के बाद निर्दयता
पूर्वक हत्या की घटना को उन्होंने वर्ष 2012 के दिसम्बर महीने में नई दिल्ली में घटित
सामूहिक बलात्कार की घटना के समान दुखद बतलाया। उन्होंने कहा कि उस घटना के बाद से
लोग काफी जागरूक हो गये हैं किन्तु अब भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। बीबीसी
समाचार के अनुसार उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के कटरा सादतगंज नामक गांव में 14 और
16 वर्ष की दो लड़कियों की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। घटना तब घटी
जब बुधवार की शाम दो चचेरी बहनें शौच के लिए ही पास के खेत में गई थीं। लेकिन उसके बाद
वो कभी नहीं लौटीं। अगली सुबह पेड़ से उन दोनों के शव लटके मिले। उनका सामूहिक बलात्कार
किया गया था।
परिजनों का कहना है कि जब वो अपनी लड़कियों के गुम होने की रिपोर्ट
लिखाने पहुंचे तो पुलिस वाले उन पर हंसे. परिजनों के यह कहने पर पुलिस वालों ने मज़ाक़
उड़ाया कि उन्होंने अपने पड़ोसियों से सुना है कि दोनों बहनों के साथ कुछ पुरूष थे।
परिजनों
का कहना है कि इस पूरी घटना के पीछे जाति आधारित भेदभाव एक बड़ी वजह है जबकि पुलिस इससे
इनकार करती है।