2014-05-29 13:39:50

बेगार प्रथा पर नियंत्रण के लिये अभियान तेज


नयी दिल्ली, बृहस्पतिवार, 29 मई, 2014 (उकान) भारत सरकार द्वारा बेगार के विरोध में अन्तरराष्ट्रीय अभियान चलाने की उस माँग का भारतीय काथलिक कलीसिया में ने समर्थन किया है जिसके द्वारा अन्तरराष्ट्रीय सरकार बेगार पर नियंत्रण पर रोक लगायेगी।
विदित हो कि अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन की 103री बैठक 28 मई से 12 जून तक सम्पन्न होगी जिस में फोर्स्ड लेबर कन्वेंशन, 1930 प्रोटोकोल के विस्तार पर विचार – विमर्श किया जायेगा।
भारत ने अबतक इस प्रोटोकोल (संलेख या रिपोर्ट) पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। सरकार इस संबंध में परामर्श दे सकती है रिपोर्ट नहीं। इस तरह यह अत्यधिक महत्वूपूर्ण नहीं है।
नैशनल कौंसिल ऑफ़ चर्चेस के प्रचार अभियान के पत्र में कहा गया है कि चूँकि भारत ने बेगार कन्वेन्शन का सदा ही अनुमोदन किया है इसलिये उसे चाहिये कि वह इसके प्रचार-प्रसार का नेतृत्व करे।
अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार विश्व में 21 मिलियन लोग बेगारी प्रथा के शिकार है।
एशिया पसिफिक प्राँत में 11.7 मिलियन अफ्रीका में 3. 7 प्रतिशत और लतिन अमेरिकी राष्ट्रों में 1.8 प्रतिशत लोग बेगार प्रथा के चंगुल में हैं।
नैशनल कौंसिल ऑफ़ चर्चेस का मानना है कि भारत सरकार द्वारा संलेख प्रस्तुत करने से भारत अन्य राष्ट्रों में बेगार प्रथा के शिकार लोगों को श्रम का अधिकार प्राप्त होगा और इस समस्या का निदान संभव हो पायेगा।
कौंसिल द्वारा हस्ताक्षर अभियान सरकार से माँग करती है कि वह इस क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय नेतृत्व सँभालते हुए सकारात्मक कदम उठाये और प्रोटोकोल को स्वीकार करे।
विदित हो कि प्रोटोकोल के अनुमोदन से एक राष्ट्रीय नीति का विकास हो पायेगा जो बेगार प्रथा को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ ही देश की रोज़गार और प्रवासी नीतियाँ में स्पष्ट हो पायेंगी। उन्हें रोज़गार प्राप्त होगा और सामाजिक सुरक्षा भी मिलेगी।












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