वाटिकन सिटीः पवित्रभूमि में मेरे संकेत सहज, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 28 मई सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि पवित्रभूमि में
उनके सभी संकेत एवं हाव-भाव सहज थे जिनकी कोई पूर्व योजना नहीं थी।
मध्यपूर्व
में तीन दिवसीय यात्रा के उपरान्त तेलावीव से रोम की उड़ान के दौरान पत्रकारों के सवालों
का जवाब देते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने बताया था कि यात्रा के दौरान उनके संकेतों, इशारों
एवं हाव-भाव पूर्वनियोजित नहीं थे।
पश्चिमी तट पर इसराएल द्वारा निर्मित विवादास्पद
दीवार के निकट सन्त पापा ने रुककर दीवार पर प्रार्थना की थी, इस क्षण उनकी आँखों में
आँसू भी देखे गये फिर याद वाशेम में उन्होंने नाज़ी नरसंहार से बच निकले यहूदियों के
हाथ चूमे। इन नाटकीय संकेतों के बारे में पूछने पर सन्त पापा ने कहा कि इसकी कोई पूर्व
योजना नहीं। उन्होंने कहा कि जिस क्षण उन्हें जैसा महसूस हुआ उसी के अनुकूल अनायास ही
और सहज ढंग से उन्होंने अपने हाव भावों को अभिव्यक्ति दी।
इजरायल के राष्ट्रपति
शिमोन पेरेज और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास को शांति हेतु बातचीत एवं प्रार्थना
के लिये वाटिकन में आमंत्रित किये जाने के बारे में उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिये
कई समस्याएँ सामने आई जैसे कहाँ और किस क्षेत्र में यह बातचीत और प्रार्थना आयोजित की
जाये इसीलिये उन्होंने दोनों नेताओं को वाटिकन आने का निमंत्रण दे दिया है किन्तु इस
घटना की कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई है।
जैरूसालेम शहर की स्थिति पर उन्होंने
कहा कि जैरूसालेम को ख्रीस्तीयों, मुसलमानों एवं यहूदियों सभी के लिये "शांति का शहर"
होना चाहिये।
दूसरे विश्व युद्ध के सन्त पापा पियुस 12 वें की सन्त घोषणा के
बारे में पूछने पर सन्त पापा ने कहा कि सन्त घोषणा के लिये पियुस 12 वें की मध्यस्थता
से चमत्कार का सम्पादित होना आवश्यक है। उन्होंने इस सिलसिले में यहूदियों के विरोध पर
कुछ नहीं कहा।
ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीयों के प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम से
हुई बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, "हमने काथलिक एवं ऑरथोडोक्स कलीसियाओं द्वारा अलग-अलग
दिन पर पास्का मनाने की "हास्यास्पद" समस्या पर बातचीत की। साथ ही पर्यावरण एवं सृष्टि
की रक्षा हेतु दोनों कलीसियाओं के बीच सहयोग को प्रोत्साहन देने की वचनबद्धता व्यक्त
की।