वाटिकन सिटी, बुधवार 28 मई, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व के
कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, पवित्र भूमि की मेरी प्रेरितिक
मेरे लिये और पूरी कलीसिया के लिये एक कृपा का समय रहा। संत पापा पौल षष्टम् और प्राधिधर्माध्यक्ष
अथेनागोरास की मुलाक़ात के पचासवें वर्षगाँठ के अवसर पर मैंने प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमी
से मुलाक़ात की जो अन्तरकलीसियाई एकता के लिये मील का पत्थर सिद्ध हुआ है।
मैने
प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोमी के साथ मिल कर एक भाई के रूप में पुनर्जीवित येसु की कब्र
के समीप प्रार्थना अर्पित की और अन्तरकलीसियाई एकता के लिये एक साथ मिलकर कार्य करने
के अपने समर्पण को दुहराया।
मेरी प्रेरितिक यात्रा का एक दूसरा मकसद था मध्य पूर्व
राष्ट्रों में उन लोगों को प्रोत्साहन देना जो शांति के लिये प्रयासरत हैं तथा शर्णार्थियों,
बच्चों और उनकी सेवा में लगे हैं जो युद्ध और हिंसा से पीड़ित हैं।
आपको ज्ञात
हो कि मैंने फिलीस्तीन और इस्राएल के राष्ट्रपतियों को आमंत्रित किया है ताकि वे मेरे
साथ शांति के लिये प्रार्थना कर सकें।
मेरी प्रेरितिक यात्रा का एक और लक्ष्य
था ख्रीस्तीय समुदायों के विश्वास को मजबूत करना और उनके शिक्षा तथा अन्य उदारतापूर्ण
कार्यों में उनकी मदद करना। मेरी प्रार्थना है कि सार्वभौमिक कलीसिया की प्रार्थना
और मदद से वे विश्वास और मेलमिलाप के ख्रीस्तीय समुसमाचार का साक्ष्य दे सकें और दुनिया
के ईश्वरप्रदत्त शांति का वरदान दे सकें I इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा
समाप्त की। उन्होंने लोगों पर पवित्र आत्मा के वरदान उतरने के लिये प्रार्थना की ।
संत
पापा ने इन्टरनैशनल कैथोलिक कमीशन, काथलिक पोलिश गिल्ड ऑफ वेल्स और ग्लोबल लेजिस्लेटर्स
ऑर्गोनाइजेशेन के सदस्यों का अभिवादन किया
उन्होंने भारत, इंगलैंड, चीन,
मलेशिया, इंडोनेशिया, वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया फिनलैंड,
अमेरिका, ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, उगान्डा,
मॉल्टा, डेनमार्क कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों,
उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा पुनर्जीवित प्रभु
के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।