वाटिकन सिटीः पत्रकारों से सन्त पापा ने ब्रहम्चर्य, एशियाई यात्रा, यौन पीड़ितों पर
की बातचीत
वाटिकन सिटी, 27 मई सन् 2014 (सेदोक): मध्यपूर्व में अपनी तीन दिवसीय यात्रा के समापन
पर सोमवार, 26 मई को रोम लौटते समय हवाई यात्रा के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस ने पत्रकारों
के कई सवालों का जवाब दिया जिनमें पुरोहितों के ब्रहम्चर्य, एशियाई यात्रा तथा यौन पीड़ितों
के मुद्दे प्रमुख रहे।
उन्होंने उन रिपोर्टों की पुष्टि की जिनमें प्रकाशित
किया गया था कि जून माह में सन्त पापा फ्राँसिस यौन दुराचार के पीड़ितों से मुलाकात करेंगे।
पुरोहितों द्वारा कुछेक बच्चों के विरुद्ध हुए यौन दुराचारों को सन्त पापा ने
गम्भीर अपराध निरूपित किया तथा कहा कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जायेगा। सन्त
पापा ने कहा कि कलीसिया किसी भी व्यक्ति के साथ पक्षपात नहीं कर सकती इसलिये जिसे दण्डित
किया जाना है वह दण्डित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि जून माह में वे जर्मनी,
आयरलैण्ड तथा इंगलैण्ड जैसे देशों के लगभग आठ यौन पीड़ितों से मुलाकात करेंगे तथा उनके
लिये ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे।
अपनी भावी यात्राओं के बारे में सन्त पापा ने
बताया कि आगामी जनवरी माह में श्री लंका एवं फिलीपिन्स की यात्रा की योजना है।
काथलिक
पुरोहितों के ब्रह्मचर्य पर प्रश्न का उत्तर देते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि ब्रहम्चर्य
काथलिक पुरोहितों के लिये अनिवार्य है तथा यह एक वरदान है।
वाटिकन के पूर्व राज्यसचिव
कार्डिनल बेरतोने द्वारा वाटिकन बैंक के धन के दुरुपयोग के बारे में पूछने पर सन्त पापा
ने कहा कि इस मामले में कुछ भी स्पष्ट नहीं है इसलिये कुछ नहीं कहा जा सकता।
कलीसियाई
परमाध्यक्ष की सेवानिवृत्ति पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने
कहाः "सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने हमारे समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत किया है और वह यह
कि यदि परमाध्यक्ष शारीरिक रूप से कमज़ोरी महसूस करे तो उन्हें पद त्याग देना चाहिये।"