2014-05-27 12:02:58

प्रेरक मोतीः कैनटरबरी के सन्त अगस्टीन (छठवीं शताब्दी)
(27 मई)


वाटिकन सिटी, 27 मई सन् 2014:

कैनटरबरी के सन्त अगस्टीन बेनेडिक्टीन धर्मसमाजी भिक्षु थे जिन्हें "अँग्रेज़ों के प्रेरित" भी कहा जाता है। सन्त पापा ग्रेगोरी महान के निर्देशन में अगस्टीन ने कैनटरबरी की कलीसियाई पीठ की स्थापना की थी। छठवीं शताब्दी के समापन तथा सातवीं शताब्दी के आरम्भिक काल में अगस्टीन ने एंग्लो-सैक्सन ग़ैरविश्वासियों के बीच ख्रीस्तीय धर्म का प्रचार किया था।


कैनटरबरी के सन्त अगस्टीन का जन्म रोम के एक कुलीन परिवार में हुआ था हालांकि उनकी जन्म तिथी निश्चित्त नहीं है और न ही उनके बाल्यकाल अथवा किशोरावस्था के बारे में कुछ लिखा गया है। युवावस्था में उन्होंने मठवासी जीवन का वरण कर लिया था। जिस समुदाय में अगस्टीन भर्ती हुए थे उसकी स्थापना बेनेडिक्टीन भिक्षु ग्रेगोरी द्वारा की गई थी जो बाद में जाकर सन्त पापा ग्रेगोरी तथा सन्त ग्रेगोरी महान के नाम से विख्यात हुए।


सन्त पापा ग्रेगोरी महान एवं मठवासी अगस्टीन के बीच मैत्री इतनी प्रगाढ़ थी कि वे उनके विश्वास पात्र बने और जिन्हें उन्होंने इंग्लैण्ड में सुसमाचार प्रचार के लिये प्रेषित कर दिया। लगभग 595 ई. में सन्त पापा ग्रेगोरी महान के 14 वें परमाध्यक्षीय वर्ष के दौरान अगस्टीन को इंग्लैण्ड प्रेषित किया गया था। यहाँ अगस्टीन ने एंग्लो-सैक्सन ग़ैरविश्वासियों के बीच सुसमाचार का प्रचार किया जिसके कारण वे इंग्लैण्ड के प्रेरित एवं कैनटरबरी की काथलिक पीठ के संस्थापक कहलाये। कैनटरबरी के सन्त अगस्टीन का पर्व 27 मई को मनाया जाता है।



चिन्तनः सन्त पापा ग्रेगोरी महान ने अगस्टीन को उनके मिशन में सुदृढ़ करने के लिये उनसे एक बार कहा थाः "सभी नियुक्त व्यक्ति चमत्कारों को सम्पादित नहीं करते, तथापि, उनके सब के नाम स्वर्ग में लिखे हैं।"









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