जैरूसालेमः "होली सेपुलकर" पर सन्त पापा, प्राधिधर्माध्यक्ष ने किया श्रद्धार्पण
जैरूसालेम, 26 मई सन् 2014 (सेदोक): सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा
फ्राँसिस तथा सन् 1050 ई. में काथलिक कलीसिया से अलग हुई विश्वव्यापी ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय
कलीसिया के धर्माधिपति, कॉन्सटेनटीनोपल के प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम ने, रविवार,
25 मई को जैरूसालेम में "होली सेपुलकर" यानि पवित्र समाधि को समर्पित गिरजाघर में एकसाथ
प्रार्थना अर्पित की।
सन्त पापा फ्राँसिस तथा प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम
ने 12 वीं शताब्दी में निर्मित "होली सेपुलकर" गिरजाघर के प्राँगण में एक दूसरे का आलिंगन
किया तथा गिरजाघर के भीतर एकसाथ मिलकर "हे पिता हमारे" प्रार्थना का पाठ किया।
काथलिक
एवं ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीयों का विश्वास है कि "होली सेपुलकर" वही पुण्य स्थल है जहाँ येसु
क्रूस पर चढ़ाये जाने के बाद दफनाये गये थे तथा तीसरे दिन पुनः जी उठे थे। इस पावन स्थल
पर सन्त पापा तथा प्राधिधर्माध्यक्ष ने श्रद्धापूर्वक घुटने टेके तथा एकसाथ प्रार्थना
कर शताब्दियों से व्याप्त काथलिक एवं ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीयों के बीच विद्यमान मतभेदों
की दीवार को गिराने का अभूतपूर्व प्रयास किया।
वाटिकन ने पहले ही घोषित कर दिया
था कि जॉर्डन, फिलीस्तीनी क्षेत्र तथा इस्राएल में सन्त पापा फ्राँसिस की तीर्थयात्रा
का प्रमुख उद्देश्य 50 वर्षों पूर्व, जैरूसालेम में सम्पन्न, सन्त पापा पौल षष्टम तथा
कॉनस्टेनटीनोपल के ऑरथोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष अथनागोरा की ऐतिहासिक मुलाकात की 50 वीं
वर्षगाँठ का समारोह मनाना था।
05 जनवरी सन् 1964 ई. को सन्त पापा पौल षष्टम ने
प्राधिधर्माध्यक्ष अथनागोरा से मुलाकात की थी। इसी ऐतिहासिक मुलाकात के स्मरणार्थ रविवार
को जैरूसालेम के "होली सेपुलकर" गिरजाघर में सन्त पापा फ्राँसिस तथा कॉनस्टेनटीनोपल के
ऑरथोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम के बीच हुई मुलाकात से आशा की जा रही है
कि ख्रीस्त के अनुयायियों के बीच एकता को नवीन वेग मिलेगा।